भारत में अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्क
हाल ही में भारत सरकार ने घोषणा की कि 1 जून, 2021 से सोने की कलाकृतियों और आभूषणों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवथा को लागू किया जायेगा ।फ़िलहाल वर्तमान में, देश में सोने की हॉलमार्किंग स्वैच्छिक है।
मुख्य बिंदु :
- भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है, जिसका वार्षिक आयात लगभग 700-800 टन है।
- गोल्ड हॉलमार्किंग सोने के शुद्ध आभूषणों और कलाकृतियों को प्रमाणित किया जाता है।
- नए नियमों के अंतर्गत अब केवल तीन श्रेणी के आभूषण अब हॉलमार्क किए जाएंगे- 14-कैरेट, 18-कैरेट और 22-कैरेट हैं। पूर्व में , स्वर्ण आभूषण के 10 श्रेणी हॉलमार्क किए गए थे।
- यह नवीन प्रणाली उन उपभोक्ताओं के लिए भी उपलब्ध होगी जो अपनी पुरानी आभूषणों की हॉलमार्किंग में रूचि रखते हैं।
गोल्ड हॉलमार्किंग के कारण:
- सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग, निम्न कैरेट श्रेणी के विरुद्ध जनता की रक्षा करेगी।यह सुनिश्चित करेगा कि उपभोक्ताओं के साथ धोखा न किया जाये।
- यह आभूषण निर्माण की प्रणाली में भ्रष्टाचार को दूर करेगी तथा पारदर्शिता लाएगी।
- BIS अधिनियम 2016 में केंद्र सरकार द्वारा स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के लिए धारा 14 और धारा 16 के तहत प्रावधानों को सक्षम किया गया है, इसने गोल्ड ज्वैलरी और कलाकृति बेचने वाले सभी ज्वैलर्स को बीआईएस के साथ पंजीकरण करने और केवल हॉलमार्क वाले गोल्ड ज्वैलरी और कलाकृति बेचने के लिए अनिवार्य कर दिया।
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS):
भारतीय मानक ब्यूरो, वस्तुओं के मानकीकरण, गुणवत्ता प्रमाणन और अंकन जैसी गतिविधियों के सामंजस्यपूर्ण विकास हेतु BIS अधिनियम 2016 के तहत स्थापितदेश का राष्ट्रीय मानक निकाय (National Standard Body of India) है।इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
स्त्रोत – लाइव मिंट