भारत और मिस्र के राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ
हाल ही में भारत और मिस्र के राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का आयोजन संपन्न हुआ।
इस दौरान मिस्र ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में डाक टिकट जारी किया है ।
भारत और मिस्र के बीच राजनयिक संबंध 18 अगस्त, 1947 को स्थापित हुए थे।
भारत-मिस्र के बीच द्विपक्षीय संबंध
राजनीतिक संबंध : दोनों देश गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के संस्थापक सदस्य हैं। दोनों देशों ने वर्ष 1955 में मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए थे।
वर्ष 1983 में भारत-मिस्र संयुक्त आयोग की स्थापना की गई थी।
आर्थिक संबंध : वर्ष 2021-22 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 7.26 अरब अमेरिकी डॉलर के ऐतिहासिक रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
इस दौरान भारत मिस्र के लिए तीसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार भी था।
मिन भी भारत के लिए सबसे बड़े निवेश गंतव्यों में से एक है।
रक्षा संबंध: वर्ष 2006 में संयुक्त रक्षा समिति (JDC) गठित की गई थी।
दोनों देशों के बीच डेजर्ट वारियर अभ्यास आयोजित किया जाता है।
भारतीय नौसेना के पोत मिस्र के पत्तनों पर पोर्ट कॉल सुविधा प्राप्त करते हैं।
भारत-मिस्र संबंधों का महत्व
- पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका के देशों के साथ चीन के बढ़ते संबंधों को देखते हुए मिस्र के साथ भारत के संबंध महत्वपूर्ण हैं।
- दोनों देश बहुध्रुवीय विश्व में गुटनिरपेक्ष आंदोलन के लिए एक साझा आधार प्रदान करते हैं।
- इससे भारत-अब्राहम फ्रेमवर्क को मजबूती मिलती है। यह फ्रेमवर्क भारत, इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के मध्य रणनीतिक हितों में समन्वय को बेहतर कर रहा है।
- मिस्र अफ्रीका में भारत की विकासात्मक भूमिका के लिए आधार प्रदान करता है।
- मिस्र ने घरेलू मोर्चे पर कट्टरपंथी इस्लाम को नियंत्रित करने के लिए भारत से मदद मांगी थी।
स्रोत –द हिन्दू