‘भारत मंडपम’ का उद्घाटन
हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह- सम्मेलन केंद्र (International Exhibition-cum-Convention Centre: IECC) परिसर का उद्घाटन किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने G-20 सिक्के और G-20 टिकट का भी अनावरण किया।
इस परिसर का नाम ‘भारत मंडपम’ रखा गया है, जो भारत के सामर्थ्य और देश की नई ऊर्जा का आह्वान है।
‘भारत मंडपम’ नाम के पीछे की प्रेरणा भगवान बशवेश्वर का ‘अनुभव मंडपम’ है। अनुभव मंडपम परिचर्चा एवं अभिव्यक्ति की परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है।
भारत मंडपम दुनिया भर के प्रदर्शकों की मदद करेगा और और भारत में कॉन्फ्रेंस पर्यटन का एक माध्यम बनेगा।
भारत मंडपम देश के स्टार्टअप की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा। साथ ही यह कलाकारों एवं अभिनेताओं के प्रदर्शन का गवाह बनेगा और हस्तशिल्प कारीगरों के प्रयासों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा।
कन्वेंशन सेंटर परिसर पूरी तरह 5जी समर्थ वाई-फाई से लैस है , इसके साथ ही 10जी इंट्रानेट कनेक्टिविटी, 16 विभिन्न भाषाओं की सुविधा के साथ अत्याधुनिक तकनीक से लैस दुभाषिया कक्ष भी हैं । विशाल वीडियो वॉल के साथ उन्नत एवी सिस्टम, भी लगा हुआ है।
बशवेश्वर के बारे में
- गुरु बसवेश्वरा (1134-1168) एक भारतीय दार्शनिक, समाज सुधारक व नेतृत्त्वकर्त्ता थे, जिन्होंने जातिविहीन समाज बनाने का प्रयास किया और जाति तथा धार्मिक भेदभाव के विरुद्ध संघर्ष किया।
- बासवन्ना जयंती, एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसे संत बासवन्ना (भगवान बसवेश्वर) के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- गुरु बसवेश्वर का जन्म 1131 ईसवी में बागेवाड़ी (कर्नाटक के अविभाजित बीजापुर ज़िले में) नामक स्थान पर हुआ था।
- गुरु बसवेश्वरा को लिंगायत संप्रदाय का संस्थापक भी माना जाता है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस