भारत और भूटान जयगाव के पास सीमा पर पहली एकीकृत चेक पोस्ट स्थापित करेंगे
हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने 5 अप्रैल को नई दिल्ली में एक द्विपक्षीय बैठक की है।
बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा की है।
प्रमुख तथ्य
भारत ने भूटान की आगामी 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए अपने समर्थन की घोषणा की है ।
भारत भूटान से कृषि वस्तुओं के निर्यात के लिए एक अतिरिक्त स्टैंडबाय क्रेडिट सुविधा का विस्तार करने और दीर्घकालिक सतत व्यवस्था को आकार देने के लिए भी काम करेगा।
दोनों देश भारत-भूटान सीमा पर पहली एकीकृत चेक पोस्ट (Integrated Check Post) स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं। यह पोस्ट जयगांव के पास स्थापित होगी।
भारत और भूटान, भूटानी पक्ष के परामर्श से भारत सरकार के समर्थन के माध्यम से प्रस्तावित कोकराझार-गेलेफू ( Kokrajhar Gelephu rail link) रेल लिंक परियोजना में भी तेजी लाएंगे। यह भारत और भूटान के बीच पहला रेल लिंक होगा।
चुखा जलविद्युत परियोजना, पनात्संगचू जलविद्युत परियोजना और खोलोंगचू जलविद्युत परियोजना द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग के उदाहरण हैं।
संबंधों में चिंताजनक मुद्दे
हाल में भूटान के प्रधानमंत्री ने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि डोकलाम त्रि-जंक्शन पर भारत, भूटान और चीन समान रूप से वार्ता करेंगे।
भूटान के प्रधानमंत्री का यह कथन से अंदाज लगाया गया कि भूटान, चीन से नजदीकियां बढ़ा रहा है।
चिंता की दूसरी बात भूटान में जल विद्युत् परियोजना को लेकर है जिसे भूटान बड़ा संसाधन मानता है। हालांकि भारत द्वारा आरंभ कई परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पर रही है जिससे लागत बढ़ रही है। इससे इस क्षेत्र में सहयोग आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
स्रोत – इकोनॉमिक्स टाइम्स