भारत ने अगस्त माह के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता ग्रहण की
हाल ही में, भारत ने वर्ष 2021-22 के कार्यकाल के लिए प्रथम बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता ग्रहण कर ली है ।
- एक अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का दो वर्ष का कार्यकाल 1 जनवरी, 2021 को आरंभ हुआ है। ज्ञातव्य है कि सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का यह 8वां कार्यकाल है।
- UNSC की अध्यक्षता 15 सदस्य देशों के नामों के अंग्रेजी वर्णानुक्रम के अनुसार मासिक आधार पर तय होती है।
- UNSC के अस्थायी सदस्य के तौर पर 2021-22 कार्यकाल के लिए यह भारत की पहली अध्यक्षता होगी। इसके पश्चात भारत अगले साल के आखिर यानी दिसंबर में फिर से UNSC की अध्यक्षता करेगा।
- अध्यक्ष के रूप में, भारत एक UN Security Council members एजेंडा का निर्धारण करेगा, जिसके संकल्प और निर्देश सभी सदस्य राष्ट्रों के लिए बाध्यकारी होंगे।
- भारत ने तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों यथा – समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद का सामना और शांति स्थापना पर उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित करने का अपना एजेंडा निर्धारित किया है।
- शांति सैनिकों के लिए स्थितिजन्य जागरूकता में सुधार तथा क्षेत्र की जानकारी हेतु एक मोबाइल ऐप 6 “यूनाइट अवेयर’ (UNITE AWARE) को भी अमिनियोजित करने की अपेक्षा की जा रही है।
- UNSC संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंगों में से एक है। इसका प्राथमिक उत्तरदायित्व अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना है।
- संयुक्त राष्ट्र के अन्य प्रमुख अंग महासभा, आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC). न्यास परिषद, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय तथा सचिवालय हैं।
- भारत जर्मनी, जापान और ब्राजील (G-4 राष्ट्र) के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए प्रयास कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
- संयुक्त राष्ट्र चार्टर ने “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद” सहित संयुक्त राष्ट्र के 6 मुख्य अंगों की स्थापना की। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 23 ‘UNSC’ की संरचना से संबंधित है।
- संयुक्त राष्ट्र के अन्य पाँच अंगों में सम्मिलित हैं- संयुक्त राष्ट्र महासभा, ट्रस्टीशिप परिषद, आर्थिक और सामाजिक परिषद, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय एवं सचिवालय। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है।
- ‘UNSC’ को अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने की प्राथमिक ज़िम्मेदारी दी गई है और वैश्विक शांति पर कोई खतरा उत्पन्न होने की स्थिति में परिषद की बैठक आयोजित की जाती है।
- यद्यपि संयुक्त राष्ट्र के अन्य अंग सदस्य राज्यों के लिये सिफारिशें करते हैं, किंतु सुरक्षा परिषद के पास सदस्य देशों के लिये निर्णय लेने और बाध्यकारी प्रस्ताव जारी करने की शक्ति होती है।
सदस्य
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गठन पंद्रह सदस्यों (पाँच स्थायी और दस गैर-स्थायी) द्वारा किया जाता है।
5 स्थायी सदस्य: अमेरिका, ब्रिटेन, फ्राँस, रूस और चीन।
10 गैर-स्थायी सदस्य:
इन्हें महासभा द्वारा 2 वर्ष के कार्यकाल के लिये चुना जाता है। प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2 वर्षीय कार्यकाल के लिये पाँच अस्थायी सदस्यों (कुल 10 में से) का चुनाव किया जाता है। 10 अस्थायी सीटों का वितरण क्षेत्रीय आधार पर होता है। परिषद की अध्यक्षता प्रतिमाह 15 सदस्यों के बीच रोटेट होती है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदमें मतदान और चर्चा:
- सुरक्षा परिषद के प्रत्येक सदस्य का एक मत होता है। सभी मामलों पर सुरक्षा परिषद के निर्णय स्थायी सदस्यों सहित 9 सदस्यों के सकारात्मक मत द्वारा किये जाते हैं, जिसमें सदस्यों की सहमति अनिवार्य है।
- 5 स्थायी सदस्यों में से यदि कोई एक भी प्रस्ताव के विपक्ष में वोट देता है तो वह प्रस्ताव पारित नहीं होता है।
- संयुक्त राष्ट्र का कोई भी सदस्य जो सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं है, बिना वोट के सुरक्षा परिषद के समक्ष लाए गए किसी भी प्रश्न की चर्चा में भाग ले सकता है, यदि सुरक्षा परिषद को लगता है कि उस विशिष्ट मामले के कारण उस सदस्य के हित विशेष रूप से प्रभावित होते हैं।
स्रोत – द हिन्दू