भारत को नाटो (NATO) प्लस का हिस्सा बनाने की सिफारिश

भारत को नाटो (NATO) प्लस का हिस्सा बनाने की सिफारिश

हाल ही मे संयुक्त राज्य अमेरिका की एक समिति ने भारत को नाटो (NATO) प्लस का हिस्सा बनाने की सिफारिश की है।

  • उपर्युक्त सिफारिश चीनी साम्यवादी दल पर चयन समिति ने की है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के हाउस ऑफ़ रेप्रेजेंटेटिव की एक समिति है।
  • उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो / NATO) प्लस -5, नाटो देशों और पांच साझेदार देशों को एक मंच पर लाने वाला एक सुरक्षा गठबंधन है। ये पांच साझेदार देश हैं: ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इजरायल और दक्षिण कोरिया हैं । नाटो प्लस 5 का उद्देश्य वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है।
  • नाटो 31 सदस्यीय सैन्य गठबंधन है। इसमें 29 यूरोपीय देश और उत्तर अमेरिका के दो देश शामिल हैं।

भारत को नाटो प्लस 5 में शामिल करने का महत्त्व

  • संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए इस कदम का अर्थ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के साथ सामरिक प्रतिस्पर्धा को जीतना और ताइवान की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा।
  • यह कदम क्वाड और G7 गठबंधन देशों के साथ साझेदारी में आर्थिक प्रतिबंधों को प्रभावी ढंग से लागू करने में भी सहायक होगा।
  • भारत क्वाड समूह का एक प्रमुख सदस्य है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान भी इसके सदस्य हैं।
  • भारत के लिए नाटो प्लस 5 में शामिल होने का अर्थ होगा कि नाटो गठबंधन देशों और भारत के बीच निरंतर खुफिया जानकारी साझा हो सकेगी।
  • भारत को बिना कोई समय गंवाए नवीनतम सैन्य प्रौद्योगिकी प्राप्त हो सकेगी।
  • समिति के अनुसार इस कदम से अमेरिका व भारत के बीच घनिष्ठ साझेदारी को और अधिक आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी ।
  • हालांकि, भारत और अमेरिका के मध्य कोई रक्षा संधि नहीं है, लेकिन अमेरिका ने भारत को “स्ट्रेटेजिक ट्रेड ऑथराइजेशन -1” (STA – 1) श्रेणी के साथ “प्रमुख रक्षा भागीदार” का दर्जा दिया हुआ है। यह दर्जा संवेदनशील प्रौद्योगिकी के आयात के लिए लाइसेंस छूट की सुविधा प्रदान करता है ।

प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी ( Major Non- NATO Ally: MNNA) का दर्जा

  • MNNA का दर्जा अमेरिकी कानून के तहत एक पदनाम है। यह दर्जा प्राप्त विदेशी भागीदारों को रक्षा व्यापार और सुरक्षा सहयोग के क्षेत्रों में कुछ लाभ प्रदान किए जाते हैं।
  • हालांकि, MNNA का दर्जा मिलने से एक देश को सैन्य और आर्थिक विशेषाधिकार जरूर प्राप्त होते हैं, लेकिन ऐसा दर्जा प्राप्त देश को किसी प्रकार की सुरक्षा प्रतिबद्धता नहीं मिलती है।
  • ध्यातव्य है कि नाटो के एक सदस्य देश पर हमला सभी सदस्य देशों पर हमला माना जाता है और इसलिए सभी सदस्य देशों को सुरक्षा प्रतिबद्धता प्राप्त होती है।
  • अमेरिका ने 18 देशों को MNNA के रूप में नामित किया हुआ है। ये देश हैं: अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, ब्राजील, कोलंबिया, मिस्र, इज़राइल, जापान, जॉर्डन, कुवैत, मोरक्को, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, फिलीपींस, कतर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया ।
  • भारत को MNNA का दर्जा प्राप्त नहीं है।

स्रोत – द ट्रिब्यून

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