भारत-नागा युद्ध विराम समझौते

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भारत-नागा युद्ध विराम समझौते

हाल ही में भारत-नागा युद्ध विराम समझौते के 25 वर्ष पूरे हुए हैं ।

विदित हो कि भारत सरकार और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (इसाक-मुइवा) के बीच युद्ध विराम समझौता 1 अगस्त, 1997 को प्रभावी हुआ था।

कई दौर की वार्ता के बाद, वर्ष 2015 में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-इसाक-मुइवा (NSCN-IM) के साथ एक “फ्रेमवर्क एग्रीमेंट” पर हस्ताक्षर किए गए थे।

Naga peace process after 25 years of signing ceasefire

हालांकि नागा ध्वज और येहज़ाबो (नागा संविधान) पर दोनों पक्षों के बीच असहमति के कारण स्पष्ट रूप से शांति प्रक्रिया आगे बढ़ने में विफल रही है। NSCN-IM ने यह जोर देकर कहा है कि दोनों विषयों को फ्रेमवर्क समझौते में शामिल किया गया था।

नागालैंड मुद्दे के बारे में

  • नागा, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र और पड़ोसी देश म्यांमार के कुछ हिस्सों में अधिवासित हैं। यह 60 से अधिक जनजातियों वाला एक समुदाय है।
  • स्वतंत्रता के समय से ही नागा समूह अपनी विशेष पहचान का दावा करते हुए भारतीय संघ से अलग होने की मांग करते रहे हैं।
  • नागा नेशनल काउंसिल (NNC) ने 14 अगस्त, 1947 को नागालैंड को एक स्वतंत्र राज्य घोषित किया था।
  • वर्ष 1980 में, NNC से अलग होकर नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN) का गठन किया गया था।
  • वर्ष 1988 में, NSCN फिर से इसाक व मुइवा के नेतृत्व में NSCN (IM)और खापलांग के नेतृत्व में NSCN (K) में विभाजित हो गया था।
  • NSCN (IM) एक ‘ग्रेटर नागालिम’ की मांग कर रहा है। इसमें नागालैंड और म्यांमार के कुछ हिस्सों के साथ-साथ “सभी निकटवर्ती नागा-आबादी वाले क्षेत्र” शामिल होंगे ।

स्रोत –द हिन्दू

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