भारत-दक्षिण कोरिया राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूर्ण
हाल ही में भारत-दक्षिण कोरिया राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं।
दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों की शुरुआत 1962 में द्विपक्षीय कांसुलर संबंधों के साथ हुई थी। बाद में 1973 में, इन्हें राजनयिक – संबंधों ( राजदूत – स्तर) के रूप में अपग्रेड किया गया था।
सहभागिता के प्रमुख क्षेत्र–
दोनों देशों ने 2010 में रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए थे। इस साझेदारी को 2015 में ‘विशेष रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में अपग्रेड किया गया था। रक्षा सहयोग इस साझेदारी के केंद्र में है ।
आर्थिक संबंध :
- 1 जनवरी, 2010 को दोनों देशों के मध्य व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) लागू हुआ था।
- वर्ष 2011 में दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग समझौता संपन्न हुआ था।
- वर्ष 2022 में दोनों देशों के बीच व्यापार 27.8 अरब डॉलर के अब तक के उच्च स्तर पर पहुंच गया था । वर्ष 2030 तक इसे 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- भारत में कोरियाई निवेश को बढ़ावा देने और सुविधा प्रदान करने के लिए ‘कोरिया प्लस’ पहल आरंभ की गई है।
सांस्कृतिक संबंध :
- भारत और कोरिया गणराज्य, बौद्ध धर्म के माध्यम से सांस्कृतिक व नातेदारी रूप से जुड़े हुए हैं।
- 13वीं शताब्दी में लिखे गए “सामगुक युसा” के अनुसार, अयोध्या की एक राजकुमारी ने कोरिया में गया कनफेडरेसी के राजा किम-सुरो से विवाह किया था और 48 ईस्वी में क्वीन हूर (हियो) वांग-ओक बन गई थी।
स्रोत – पी.आई.बी.