भारत द्वारा विभिन्न देशों को जेनेरिक दवा योजना

भारत द्वारा विभिन्न देशों को जेनेरिक दवा योजना

हाल ही में भारत जेनेरिक दवा योजना के माध्यम से इक्वाडोर, नाइजीरिया और पनामा देशों को एवं  उनके नागरिकों को कम लागत वाली जेनेरिक दवाओं तक पहुंच प्रदान करने में मदद करेगा।

ऐसा वहां पर प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) जैसी एक योजना को लागू करके किया जाएगा।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का उद्देश्य इन तीन देशों को जन औषधि केंद्र (JAKs) स्थापित करने में मदद करना है। इन केंद्रों से सभी को गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

PMBJP की शुरुआत 2008 में औषध विभाग ने की थी । इसका उद्देश्य लोगों को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराना था।

फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI), PMBJP को लागू करने के लिए जिम्मेदार है। इसे पहले ब्यूरो ऑफ फार्मा PSUs ऑफ इंडिया (BPPI) कहा जाता था,

योजना के तहत उपलब्ध दवाओं की कीमत ब्रांडेड दवाओं से 50-90 प्रतिशत तक कम होती है।

देश भर में पहले से ही 9,000 से अधिक JAKs काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने मार्च 2024 तक JAKs की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है।

जेनेरिक दवाओं में ब्रांडेड दवाओं के समान ही सक्रिय घटक होते हैं और ये समान ही चिकित्सीय प्रभाव पैदा करते हैं।

इन दवाओं को कम कीमतों पर बेचा जाता है। जेनेरिक दवाओं के उत्पादन में कम खर्च आता है, क्योंकि निर्माता को प्रभावशीलता और सुरक्षा के लिए मूल नैदानिक परीक्षणों (Clinical Trials) की नकल नहीं करनी पड़ती है ।

पेटेंट अधिनियम, 2005 के अंतर्गत जेनेरिक दवाओं के लिए प्रावधान

अविकसित देशों की प्रमुख स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनिवार्य लाइसेंस (CL) के तहत पेटेंट दवाओं के जेनेरिक संस्करण के निर्माण और निर्यात की अनुमति दी जाएगी।

स्रोत – लाइव मिंट        

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