भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश : जस्टिस एन.वी. रमण
हाल ही में एन.वी. रमण को भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। एन.वी. रमण का कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 तक होगा।
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिसएनवी रमण को शपथ दिलाई। उनका कार्यकाल लगभग मात्र16 माह का ही होगा।
इन्होने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की जगह ली है। जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल को पदमुक्त हुए थे ।
न्यायमूर्ति एन.वी. रमण
एन.वी. रमण का जन्म 27 अगस्त, 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नवरम गाँव में एक कृषक परिवार में हुआ था।
17 फरवरी, 2014 को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति से पहले, जस्टिस रमण दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।
संविधान में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 (2) में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया का उपबंध किया गया है ।
- अनुच्छेद 124 (2) के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय और राज्यों के उच्च न्यायालयों के ऐसे न्यायाधीशों के परामर्श के पश्चात (जिनसे राष्ट्रपति परामर्श लेना उचित समझे) की जाती है ।
- इसी तरह राज्यों में उच्च न्यायलय के न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया का उपबंध संविधान के अनुच्छेद 217में किया गया है।
- अनुच्छेद 217 के प्रावधानों के अनुसार, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायलयके मुख्य न्यायाधीश तथासंबंधित राज्य के राज्यपाल के परामर्श के बाद की जाती है।
- उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश के अलावा अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के पश्चात की जाती है ।
भारत के मुख्य न्यायाधीश
- सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश के संबंध में निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करते हैं।
- लेकिन वर्ष 1970 के पश्चातइस प्रक्रिया के विवाद में आने से अब व्यावहारिक रूप इसकी जगह वरिष्ठता क्रम को ही आधार माना जाने लगा है।
स्रोत – पी आइ बी