भारत के पास वर्ष 2024 तक नौ परमाणु रिएक्टर होंगे
हाल ही में जारी की गई एक रिपोट के अनुसार भारत के पास वर्ष 2024 तक नौ परमाणु रिएक्टर होंगे।
इसके अलावा, 12 अन्य परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों को प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी दी गई है। वर्तमान में 6780 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 22 रिएक्टर परिचालित हैं।
परमाणु रिएक्टर, परमाणु विखंडन के माध्यम से विद्युत का उत्पादन करते हैं। परमाणु विखंडन एक ऐसी अभिक्रिया है, जिसमें एक परमाणुका नाभिक ऊर्जा विमुक्त करते हुए दो या दो से अधिक छोटे नाभिकों में विभाजित हो जाता है।
विखंडन रिएक्टरों के लिए यूरेनियम और प्लूटोनियम कासर्वाधिक उपयोग किया जाता है।
लाभः
ये परमाणु रिएक्टर कोई प्रदूषणकारी गैस उत्सर्जित नहीं करते हैं। ईंधन की कम लागत, विद्युत स्टेशनों की लंबी कार्यशील अवधि आदि इनकी विशेषताएं हैं।
हानिः
- इसके अपशिष्ट रेडियोधर्मी प्रकृति के होते हैं और इनका सुरक्षित निपटान बहुत जटिल एवं महंगा है। निर्माण और सुरक्षित रूप से उपयोग बंद करने की लागत बहत अधिक है। इनमें व्यापक स्तर की दुर्घटनाएं विनाशकारी सिद्ध हो सकती हैं।
- देश में परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों की स्थापना को सक्षम बनाने के लिए उठाए गए कदम – परमाणुवीय नुकसान के लिए सिविल दायित्वअधिनियम, 2010 से संबंधित मुद्दों का समाधान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, भारतीय परमाणु बीमा पूल का निर्माण किया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के संयुक्त उद्यमों को परमाणु ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने में सक्षम बनाने के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 में संशोधन किया गया है ।
- ईंधन की आपूर्ति सहित परमाणु ऊर्जा सहयोग के लिएविदेशों के साथ समझौतों को सक्षम बनाया जा रहा है ।
स्रोत – द हिन्दू