भारत की पहली अंडरसी रोड टनल

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भारत की पहली अंडरसी रोड टनल

भारत की पहली अंडरसी रोड टनल (जलमग्न सुरंग) का कार्य मुंबई में (Under Sea tunnel) 2023 तक शरू हो जाएगी, जो मुंबई की तटीय सड़क परियोजना के हिस्से के रूप में बनाई जा रही है।

प्रमुख बिंदु:

  • ये ट्विन सुरंगे मरीन ड्राइव प्रोमेनेड से शुरू होकर बांद्रा – वर्ली समुद्र लिंक के वर्ली-एंड तक, 10.58 किलोमीटर लंबी है। ये सुरंगें प्रियदर्शिनी पार्क से शुरू होकर, मरीन ड्राइव में नेताजी सुभाष रोड पर समाप्त होंगी।
  • इस टोल-फ्री मार्ग के द्वारा दक्षिण मुंबई को उत्तर से जोड़ने की योजना है, जिससे यातायात को सुगम बनाया जा सके। यह देश की पहली अंडरसी रोड टनल है, जो गिरगाँव चौपाटी के पास अरब सागर से होकर गुजरेगी।
  • विश्व की बड़ी अंडरसी टनल के विपरीत मुंबई की टनल को अपेक्षाकृत उथली गहराई में बनाई जा रही है। विदित है कि चैनल टनल, इंग्लैंड और फ्रांस को जोड़ती है।
  • इसकी खुदाई के लिये टनल बोरिंग मशीन (TBM) का प्रयोग किया जा रहा है। टी.बी.एम. का उपयोग चट्टानों में ड्रिलिंग व ब्लास्टिंग विधियों और पारंपरिक ‘हैंड माइनिंग’ के विकल्प के रूप में किया जाता है।
  • टी.बी.एम. खुदाई के आस-पास की भूमि को अधिक नुकसान पहुँचाएँ बिना एक साफ-सुथरी टनल वाल का निर्माण करने में सक्षम है।
  • इन अंडरसी टनल दो लेन की होगी, जिसमें एक लेन आपातकालीन समय में उपयोग की जाएगी। आपातकालीन स्थिति में इन दोनों सुरंगों को जोड़ने के लिये क्रॉस सेक्शन टनल भी निर्मित की जा रही है।
  • रिसाव की समस्या के समाधान के लिये जल निकासी प्रणाली को भी डिज़ाइन किया गया है। इसके अतिरिक्त सुरंग में वेंटिलेशन की आवश्यकता होती है।
  • इन सुरंगों में कारों द्वारा उत्सर्जित कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण समस्या पैदा होती है। इन हानिकारक गैसों को बाहर निकालने के लिये सैकार्डो (Saccardo) नामक वेंटिलेशन सिस्टम को सुरंग के अंदर स्थापित किया जाएगा।

मुंबई तटीय सड़क परियोजना:

इस परियोजना में सड़कें, पुल और सुरंगें शामिल हैं।यह परियोजना दक्षिण मुंबई को उत्तरी मुंबई के साथ टोल-फ्री सड़क से जोड़ने की योजना के तहत शुरू की गई थी।

ये सुरंगें समुद्र के भीतर कितनी गहरी होंगी?

  • मुंबई शहर में ये अंडर-सी टनल्स समुद्र तल से 20 मीटर नीचे होंगी, जबकि जापान की सीकैन टनल सीबेड से 100 मीटर नीचे है।
  • मुंबई में ये ट्विन टनल्स भी तट के बहुत करीब बनाई जा रही हैं, जहां समुद्र की गहराई 4 से 5 मीटर से अधिक नहीं है।

समुद्र के भीतर सुरंग के निर्माण की प्रमुख चुनौतियां:

  • समुद्र के भीतर बनाई जा रही सुरंग का निर्माण करना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। समुद्र के भीतर सुरंग का निर्माण करते समय दो प्रमुख समस्याएँ हैं – समुद्री जल के दबाव के कारण या फिर, सुरंग में समुद्री जल का रिसाव होने के कारण सुरंग का ढहना।

ट्विन सी टनल्स में यात्रियों की सुरक्षा के उपाय:

  • प्रत्येक अंडर-सी टनल में दो लेन्स होंगी, जो 3-3.2 मीटर चौड़ी होगी। इन टनल्स में एक आपातकालीन लेन भी होगी।
  • भले ही ये दोनों सुरंगें अलग-अलग होंगी, लेकिन इन ट्विन टनल्स को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए 11 क्रॉस-सेक्शन सुरंगें बनाई जाएंगी।

स्रोत- द हिन्दू

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