भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ‘वैश्विक नवाचार साझेदारी’ (GIP) समझौता
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ‘वैश्विक नवाचार साझेदारी’ (GIP) समझौता
- हाल ही में भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा वैश्विक नवाचार साझेदारी (Global Innovation Partnership- GIP) समझौते को अनुमति प्रदान की गई है।
समझौते से लाभ
- वैश्विक नवाचार साझेदारी भारत के अन्वेषकों को दूसरे देशों में अपने नवाचार का विकास करने में मदद करेगी।इससे नये बाजार विकसित होंगे और अन्वेषक आत्मनिर्भर बनेंगे।
- वैश्विक नवाचार साझेदारी, सतत विकास लक्ष्य सम्बन्धी सेक्टरों पर केन्द्रित होगा ,जिससे लाभार्थी देश अपने सतत विकास लक्ष्यों को हासिल कर सकें।
- बुनियादी वित्तपोषण, अनुदान, निवेश और तकनीकी सहयोग के माध्यम से यह साझेदारी भारतीय उद्यमियों और अन्वेषकों का सहयोग करेगी, ताकि वे अपने नवाचार विकास समाधानों को विकासशील देशों तक पहुंचा सकें।
- वैश्विक नवाचार साझेदारी के तहत चुने गये नवाचार, सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने में उपयोगी साबित होंगे, जिससे आर्थिक, सामाजिक रूप से कमजोर आबादी को लाभ मिलेगा। इस तरह लाभार्थी देशों में समानता और समावेशी उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकेगा।
- वैश्विक नवाचार साझेदारी से समावेशी और खुला ई-बाजार भी विकसित होगा, इसके माध्यम से बाजारों के बीच नवाचार का अंतरण होगा। इस दिशा में किये जाने वाले कार्यों का आंकलन करने में सहायता मिलेगी तथा पारदर्शिता और जवाबदेही को प्रोत्साहन मिलेगा।
स्रोत: द हिन्दू
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