भारत और मालदीव समझौता

भारत और मालदीव समझौता

हाल ही में भारत और मालदीव के मध्य छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं ।

इस दौरान दोनों देश द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए सहमत हुए हैं।

इसके अलावा, हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए विभिन्न समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये गए हैं।

India, Maldives ink six agreements

इनमें से कुछ प्रमुख हैं:

साइबर सुरक्षा पर समझौता,आपदा प्रबंधन पर समझौता,सामाजिक आवासन पर समझौता आदि।

भारत ने ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP) के लिए 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के नई लाइन ऑफ क्रेडिट (ऋण) की भी घोषणा की है।

GMCP भारत द्वारा वित्त पोषित एक अवसंरचना परियोजना है। यह मालदीव की राजधानी माले को उसके आस-पास के द्वीपों से जोड़ेगा।

दोनों राष्ट्र सीमापार अपराधों और आतंकवाद से लड़ने के लिए संबंधों को मजबूत करने पर भी सहमत हुए।

भारत-मालदीव संबंध

  • भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति में मालदीव का विशेष स्थान है।
  • भारत-मालदीव ने मिनिकॉय द्वीप पर राजनीतिक विवाद को वर्ष 1976 की समुद्री सीमा संधि के माध्यम से हल कर लिया था। इस संधि के तहत मिनिकॉय को भारत के हिस्से के रूप में मान्यता दी गई है।

रक्षा और सुरक्षाः

  • वर्ष 2016 में, भारत-मालदीव ने व्यापक रक्षा कार्य योजना पर हस्ताक्षर किए थे। भारत और मालदीव की सेना के बीच एकुवेरिन नाम से संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया जाता है।
  • मालदीव, भारत की सागर/SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) पहल का हिस्सा है। इस पहल की घोषणा भारत ने वर्ष 2015 में की थी। यह पहल हिंद महासागर के लिए भारत के विजन का एक रूप है।

विकास हेतु सहयोगः वर्ष 2018 में, भारत ने मालदीव को उसके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए 1.4 बिलियन डॉलर का आर्थिक पैकेज दिया था।

स्रोत –द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course