भारत और बांग्लादेश के मध्य तीस्ता नदी विवाद
हाल ही में प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश को तीस्ता जल साझाकरण समझौता करने का आश्वासन दिया है।
पृष्ठभूमि:
- वर्ष 1951 में पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) से भारत की जल के साझाकरण पर चर्चा आरंभ की गई थी।
- इसके पश्चात वर्ष 1984 में, एक संयुक्त नदी आयोग गठित हुआ जिसने तीस्ता नदी का भारत को 5 प्रतिशत और बांग्लादेश को 37.5 प्रतिशत जल आवंटित करने का फैसला दिया।
- वर्ष 1984 की अनुशंसाओं के आधार पर वर्ष 2011 में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने का प्रयास किया गया, जो किंतु पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस समझौते को रद्द कर दिया था।
- इसके पश्चात वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद जून 2015 में उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बांग्लादेश का दौरा किया और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को विश्वास दिलाया कि वे सहयोग के माध्यम से तीस्ता पर एक ‘निष्पक्ष समाधान’ तक पहुँच सकते हैं।
तीस्ता नदी विवाद:
- बंगलादेश का पक्ष – बांग्लादेश चाहता है कि नदी का पानी चूँकि भारत से होते हुए उनके देश में आ रहा है, इसलिए भारत हिसाब से पानी ख़र्च करे, ताकि उनके यहाँ पहुँचने तक नदी में पानी बना रहे।
- भारत का पक्ष –भारत में पश्चिम बंगाल के उत्तर बंगाल के छह ज़िले तीस्ता नदी पर निर्भर हैं।
- इसलिए, पश्चिम बंगाल का कहना है कि पानी इतना नहीं है कि वह बांग्लादेश के अनुसार वितरित कर सके।
- बांग्लादेश इसी नदी के 50% जल की मांग करता है। पश्चिम बंगाल के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए भी यह नदी महत्त्वपूर्ण है।
- पश्चिम बंगाल में इस नदी पर बनाए गए हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट द्वारा 60 मेगा वाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
- साथ ही नौ लाख बाईस हजार हेक्टेयर भूमि भी सिंचित की जाती है। पश्चिम बंगाल और सिक्किम मिल कर इस नदी के 55% जल की माँग करते हैं
तीस्ता नदी:
- तिस्ता नदी भारत के सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल राज्य तथा बांग्लादेश से होकर बहती है।
- तीस्ता 414 किलोमीटर लंबी नदी है जो हिमालय में 7,096 मीटर ऊपर स्थित पाहुनरी ग्लेशियर से निकलती है।
- बांग्लादेश में यह ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है, ब्रह्मपुत्र आगे जाकर पद्मा नदी से मिलती है। गंगा नदी को बांग्लादेश में पद्मा कहते हैं।
- पद्मा आगे जाकर मेघना नदी से मिलती है, और मेघना नदी बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस