भारत एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को संपन्न करने के लिए इजरायल के साथ वार्ता कर रहा है। दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, और FTA पर भी वार्ता कर रहे हैं।
वर्ष 1948 में इजरायल की स्थापना के पश्चात दोनों देशों के मध्य संबंधों की शुरुआत हुई थी। वर्ष 1992 में पूर्ण राजनयिक संबंधों की स्थापना के साथ ये संबंध और अधिक मजबूत हो गए।
वर्ष 2017 में, भारतीय प्रधान मंत्री ने इजरायल की पहली यात्रा की थी। इस दौरान, संबंधों को रणनीतिकसाझेदारी के रूप में उन्नत किया गया था।
सहयोग के प्रमुख क्षेत्रः
- आर्थिक: भारत एशिया में इजरायल का तीसरा तथा विश्व स्तर पर सातवां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।
- कृषिःदोनों देशों ने कृषि सहयोग में विकास के लिए तीन वर्षीय कार्यक्रम (वर्ष 2021-2023) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कार्यक्रम से दोनों देशों के स्थानीय किसानों कोलाभ प्राप्त होगा।
- रक्षा और सुरक्षाः पिछले पांच वर्षों से इजरायल, भारत के लिए शीर्ष तीन हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा है।
- सांस्कृतिक संबंधःइजरायल में भारतीय मूल के लगभग 85,000 यहूदी रह रहे हैं।
- दोनों देशों की विदेश नीतियों में फिलिस्तीन और ईरान से संबंध मुद्दे महत्वपूर्ण चिंता के विषय हैं।
- इन मुद्दों के समाधान हेतु भारत डी-हाइफनेटेड नीति का पालन कर रहा है। इस नीति में एक देश के साथ संबंधों को आगे बढ़ाया जाता है, जबकि इसके दूसरे देश के साथ संबंधों की जटिलताओं की उपेक्षा की जाती है।
FTA के बारे में
- FTA दो या दो से अधिक देशों के मध्य एक समझौता है। इसमें आयात और निर्यात के समक्ष मौजूद बाधाओं(जैसे प्रशुल्क, कोटा आदि) को हटाया जाता है।
- यह व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद केविपरीत है।वर्तमान में भारत 5 देशों संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेडकिंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और इजरायल के साथ TA करना चाहता है।
स्रोत –द हिन्दू