भारत एवं संयुक्त राज्य अमेरिका का ‘एयर-लाँच्ड अनमैन्ड एरियल व्हीकल’ परियोजना समझौता
हाल ही में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने ‘एयर-लाँच्ड अनमैन्ड एरियल व्हीकल (ALUAV)’ के लिए एक परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर किए है ।
ALUAV के लिए परियोजना-समझौता रक्षा प्रौद्योगिकी औरव्यापार पहल (Defence Technology and Trade Initiative: DTTI) के अंतर्गत शामिल है।
DTTI के तहत, परियोजनाओं की 2 श्रेणियां हैं:
- पहली उद्योग-से-उद्योग (industry-to-industry) परियोजनाओं से संबंधित, जिन्हें निर्यात लाइसेंस द्वारा सुगम बनाया गया है तथा दूसरी वे परियोजनाएं, जिन्हें परियोजना-समझौतों (Project Agreements: PA) के माध्यम से अंतिम रूप प्रदान किया गया है।
- ALUAV के लिए PA अनुसंधान, विकास, परीक्षण और मूल्यांकन (Research, Development] Testing and Evaluation: RDT & E) समझौते के तहत आरंभ की गई दूसरी श्रेणी की एक परियोजना है। इसे प्रथम बार जनवरी 2006 में हस्ताक्षरित किया गया था और जनवरी 2015 में नवीनीकृत किया गया था।
भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका रक्षा संबंध
- वर्ष 2016 में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत को एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में नामित किया था। इसे वर्ष 2018 में स्ट्रैटेजिक ट्रेड ऑथराइजेशन टियर-1 के दर्जे तक उन्नत कर दिया गया था।
- रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच 2+2 संवाद आयोजित किया जाता है।
- भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका के चार मूलभूत रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
- सैन्य सूचना के आदान-प्रदान पर वर्ष 2002 में जनरल सिक्योरिटी ऑफ मिलिट्री इन्फॉर्मेशन एग्रीमेंट(GSOMIA) ।
- वर्ष 2016 में एक दूसरे के सैन्य अड्डों का उपयोग करने के लिए लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA)।
- दोनों सेनाओं के मध्य अंतरसक्रियता और भारत को उच्चस्तरीय प्रौद्योगिकी के विक्रय के लिए वर्ष 2018 में कम्युनिकेशंस कंपैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट(COMCASA) ।
- उच्च स्तरीय सैन्य प्रौद्योगिकी, रसद और भू-स्थानिक मानचित्रों को साझा करने के लिए वर्ष 2020 में बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) ।
स्रोत – द हिन्दू