भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका डिजिटल व्यापार
हाल ही में अमेरिकी उद्योग निकाय कंप्यूटर एंड कम्युनिकेशंस इंडस्ट्री एसोसिएशन (CCIA) ने अमेरिकी डिजिटल सेवा प्रदाताओं के प्रति भारत के “संरक्षणवादी” दृष्टिकोण पर आपत्ति प्रकट की है।
भारत-अमेरिका के मध्य प्रौद्योगिकी व्यापार की वर्तमान स्थिति:
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 128.55 बिलियन डॉलर था । यह व्यापार भारत के पक्ष में रहा था ।
अमेरिका को 2020 में भारत के साथ हुए डिजिटल सेवाओं के व्यापार में 27 बिलियन डॉलर का घाटा हुआ था ।
भारत-अमेरिका डिजिटल व्यापार संबंधों से जुड़ी चिंताएं
कराधान: भारत में ई-कॉमर्स ऑपरेटरों से 6% की दर से इक्विलाइजेशन लेवी और 2 % कर की वसूली की जाती है । इससे दोहरे कराधान की समस्या पैदा होती है ।
आई.टी. नियमावली 2021: आई.टी. नियमावली 2021 जैसी नीतियों के कारण अनुपालन संबंधी बोझ बढ़ गया है । उदाहरण के लिए शिकायत निवारण अधिकारी, अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति आदि ।
भू-स्थानिक डेटा: भू-स्थानिक डेटा साझा करने पर प्रतिबंध जैसी भेदभावपूर्ण विनियामक व्यवस्था ।
डेटा सुरक्षा कानून का मसौदा: डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन विधेयक, 2022 के तहत डेटा के सीमा पार ट्रांसफर पर प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रस्तावित ड्राफ्ट दूरसंचार विधेयक, 2022 में प्राधिकृत लाइसेंसिंग को अनिवार्य बनाया गया है ।
डिजिटल व्यापार को बढ़ावा देने से जुड़े हालिया घटना क्रम
महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (CET) पहल के माध्यम से तकनीकी साझेदारी ।
दोनों देशों ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार भागीदारी से संबंधित MoU पर हस्ताक्षर किए हैं।
दोनों देशों का संयुक्त कार्य बल ओपन RAN नेटवर्क और 5G/6G प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के व्यवसायीकरण के लिए एक संयुक्त कोष का गठन किया गया है ।
स्रोत – द हिन्दू