भारत- अफ्रीका व्यापार में हुई प्रगति
हाल ही में केंद्रीय मंत्री ने भारत-अफ्रीका संवृद्धि साझेदारी पर 18वें CII-EXIM बैंक कॉन्क्लेव में दोनों पक्षों के द्विपक्षीय व्यापार में हुई प्रगति का विवरण दिया है।
- वित्त वर्ष 2022-23 में अफ्रीका के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 26% बढ़कर लगभग 100 बिलियन डॉलर हो गया था । भारत का लक्ष्य 2030 तक व्यापार की मात्रा को दोगुना करके 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर करना है।
- भारत-अफ्रीका द्विपक्षीय व्यापार संतुलन की स्थिति में है। वित्त वर्ष 2022-23 में 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया और 46.65 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात हुआ ।
भारत-अफ्रीका साझेदारी के बारे में:
- दोनों पक्षों के बीच साझेदारी का लंबा इतिहास रहा है। 1920 के दशक की शुरुआत से ही भारत और अफ्रीका के बीच एकजुटता और राजनीतिक संपर्क रहे हैं।
- यह वह काल था, जब भारत और अफ्रीकी देश औपनिवेशिक शासन व उनके द्वारा किए जा रहे दमन के खिलाफ लड़ रहे थे ।
- हालांकि, अफ्रीका के साथ भारत की आर्थिक साझेदारी 2000 के दशक की शुरुआत से तेजी से बढ़नी शुरू हुई थी।
भारत के लिए अफ्रीका का महत्त्व:
- अफ्रीका के पास प्रचुर मात्रा में खनिज तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार हैं। ये भंडार भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं।
- अफ्रीकी क्षेत्र (विशेष रूप से हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र) भारत की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है ।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता प्राप्त करने की भारत की महत्वाकांक्षा में अफ्रीकी देशों का समर्थन महत्वपूर्ण हो जाता है।
भारत द्वारा अफ्रीका में शुरू की गई विकास संबंधी पहलें:
- अफ्रीका के 27 अल्प विकसित देश (LDCs) गैर-पारस्परिक आधार पर शुल्क-मुक्त टैरिफ वरीयता से लाभान्वित हो रहे हैं ।
- भारत अफ्रीकी देशों को रेलवे लाइनों के निर्माण, विद्युतीकरण परियोजनाओं, कृषि मशीनीकरण आदि के लिए रियायती लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC) प्रदान करता है ।
- कई अफ्रीकी देश अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में भाग ले रहे हैं।
- ई-विद्या भारती, ई-आरोग्य भारती, वैक्सीन मैत्री जैसी पहलें आरंभ की गई हैं।
स्रोत – पी.आई.बी.