भारत-अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance: ISA) ऊर्जा संक्रमण संवाद 2021
हाल ही में भारत-अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance: ISA) ऊर्जा संक्रमण संवाद 2021 में केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने ऊर्जा संक्रमण में भारत द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों को रेखांकित किया। जिसमे कहा गया कि भारत, पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन प्रतिबद्धताओं से आगे बढ़ने हेतु तीव्र गति से अग्रसर है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, भारत और फ्रांस द्वारा सह-स्थापित तथा प्रथम संधि-आधारित अंतर-सरकारी संगठन है। इसका मुख्यालय भारतके गुरुग्राम में अवस्थित है।
भारत द्वारा अब तक प्राप्त की गई उपलब्धियां
- भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 100 गीगावाट की संस्थापित क्षमता के माध्यम से महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
- भारत की 38.5 प्रतिशत संस्थापित ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्वच्छ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित है।
- ज्ञातव्य है कि वैश्विक स्तर पर संस्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले में भारत का चौथा स्थान है एवं सौर ऊर्जा की संस्थापित क्षमता में इसका पाँचवां स्थान है।
- उल्लेखनीय है कि भारत द्वारा अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों (Nationally determined contributions: NDCs) के अंतर्गत प्रतिबद्ध वर्ष 2005 के स्तर पर वर्ष 2030 तक 35% के उत्सर्जन कटौती लक्ष्य के मुकाबले 28% के उत्सर्जन कटौती लक्ष्य को पहले ही प्राप्त कर लिया गया है।
अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत द्वारा किए गए उपाय
- वित्तपोषणः अपतटीय पवन ऊर्जा के लिए व्यवहार्यता अंतराल वित्तपोषण Viability Gap Funding: VGP)विकल्प, ग्रीन टर्म अहेड मार्केट और ग्रीन डे अहेड मार्केट आदि।
- विद्युतीकरण- हरित ऊर्जा गलियारा, स्मार्ट ग्रिड मिशन और स्मार्ट मीटरिंग कार्यक्रम ।
- नवीकरणीय ऊर्जाः राष्ट्रीय सौर मिशन, उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना, राष्ट्रीय जैव ईंधन मिशन आदि।
- ऊर्जा दक्षताः उन्नत ज्योति बाय अफोर्डेबल एलईडी फॉर ऑल (उजाला योजना) (Unnat yoti by Affordable LEDs for All: UJALA) तथा कार्य-निष्पादन, उपलब्धि और व्यापार योजना (perform achieve and trade : PAT )
भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान
- भारत, वर्ष 2030 तक विद्युत शक्ति की अपनी संस्थापित क्षमता का 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन से प्राप्त करेगा ।
- वर्ष 2005 के स्तर की तुलना में अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता में वर्ष 2020 तक 20-25% और वर्ष 2030 तक 33-35% तक की कमी लाने का प्रयास करेगा।
- भारत, अतिरिक्त वनारोपण और वृक्षावरण के माध्यम से 2.5-3 बिलियन टन CO2 समतुल्य अतिरिक्त कार्बन सिंक का निर्माण करेगा।
स्रोत –द हिन्दू