भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची
हाल ही में प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC – PM) ने “भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची का मूल्यांकन” नामक एक कार्य-पत्र जारी किया है।
संविधान की सातवीं अनुसूची का प्रावधान अनुच्छेद-246 के तहत किया गया है । यह अनुसूची विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है।
इसमें तीन सूचियां शामिल हैं, जो संघ और राज्य विधायिकाओं के बीच शक्तियों का वितरण एवं उत्तरदायित्वों का निर्धारण करती हैं।
ये सूचियां हैं: सूची – I (संघ सूची), सूची – II (राज्य सूची) और सूची – III (समवर्ती सूची) ।
These lists are: List – I (Union List), List – II (State List) and List – III (Concurrent List).
कार्य – पत्र में दिए गए कुछ सुझाव –
- राजमन्नार समिति की सिफारिश पर विचार करना चाहिए। इसमें राजनीतिक सहमति बनाने के बाद सातवीं अनुसूची पर विषयवार चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय आयोग गठित करने का सुझाव दिया गया है।
- समवर्ती सूची की व्यवहार्यता पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए तथा इसकी जगह स्थानीय निकाय सूची शामिल की जानी चाहिए ।
- महामारी और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने की प्रक्रिया में हुए हालिया तकनीकी विकास तथा इनसे मिले राष्ट्रीय अनुभव के आलोक में कुछ विषयों को शामिल करने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए – उपभोक्ता संरक्षण, उभरती प्रौद्योगिकियां (जैसे AI) आदि ।
- भारत में कानून बनाने की प्रक्रिया में सुधार करने की आवश्यकता है।
- केंद्र सरकार को समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने अथवा अनुच्छेद 253 का उपयोग करने से पहले राज्य सरकारों के साथ प्रभावी ढंग से परामर्श करना चाहिए और उनका विश्वास हासिल करना चाहिए ।
- संसद या राज्य विधान सभा द्वारा पारित किसी भी कानून में स्पष्ट रूप से संबंधित सूची की उस प्रविष्टि (entry) का उल्लेख होना चाहिए, जिसके तहत उस कानून को लागू किया जा रहा है।
स्रोत – पी.आई.बी.