भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के 76वें स्थापना दिवस 

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के 76वें स्थापना दिवस 

हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के 76वें स्थापना दिवस पर कई पहलें शुरू की गई है।

BIS की स्थापना BIS अधिनियम 1986 के तहत की गई थी। इसे वर्ष 1947 में स्थापित भारतीय मानक संस्थान (ISI) के कार्य सौंप दिए गए थे।

वर्तमान में BIS, वर्ष 2016 के BIS अधिनियम के ढांचे के तहत कार्य करता है।

निम्नलिखित पहलें शुरू की गई हैं

मानक राष्ट्रीय कार्य योजना ( SNAP) 2022 – 27: यह उभरती प्रौद्योगिकियों और सततता व जलवायु परिवर्तन से संबंधित चिंताओं को दूर करने पर लक्षित है। यह राष्ट्रीय मानकीकरण के प्रयासों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

संशोधित भारतीय राष्ट्रीय विद्युत संहिता 2023:

  • इसे BIS ने तैयार किया है। यह देश भर में विद्युत संस्थापन कार्यप्रणालियों को विनियमित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करती है।
  • भारत की पहली NEC वर्ष 1985 में तैयार की गई थी। इसे बाद में वर्ष 2011 में संशोधित किया गया था । वर्तमान संशोधन में विद्युत योजनाओं को नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के अनुसार स्थापित किए जाने की आवश्यकता को शामिल किया गया है। साथ ही, अस्पतालों, सामुदायिक सुविधा केंद्रों, होटलों आदि जैसे विशेष स्थानों को भी शामिल किया गया है।

भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता (NBC 2016 ) पर पुनर्विचार की कार्यवाही का शुभारंभ:

  • BIS ने सतत शहरी योजना निर्माण मानदंडों, नई और सतत निर्माण सामग्रियों को शामिल करने आदि के लिए NBC पर पुनर्विचार की कार्यवाही का शुभारंभ किया है।
  • स्कूलों में मानक क्लब की स्थापनाः इसके तहत BIS का उद्देश्य मानक क्लबों के माध्यम से छात्र केंद्रित गतिविधियों द्वारा कक्षा 9वीं और उससे ऊपर की कक्षाओं के विज्ञान के छात्रों को गुणवत्ता और मानकीकरण की अवधारणाओं से अवगत कराना है ।
  • NBC 2016 और NEC 2023 के उचित कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय क्षमता निर्माण हेतु प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जा रही है ।

BIS के कुछ सामान्य मानक:

  • BIS हॉलमार्क: सोने और चांदी के आभूषणों के लिए अनिवार्य मानक ।
  • ISI मार्क: औद्योगिक उत्पादों के लिए मानक अनुपालन चिह्न ।
  • इकोमार्कः पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों की लेबलिंग |
  • उत्पाद प्रमाणन योजना: मूर्त (Tangible) उत्पादों पर लागू।
  • विदेशी विनिर्माता प्रमाणन योजनाः इसके तहत विदेशी आवेदकों / विदेशी विनिर्माताओं को ISI मार्क के उपयोग के लिए लाइसेंस प्रदान किया जाता है ।
  • सिस्टम सर्टिफिकेशन स्कीमः प्रणालियों / प्रक्रियाओं पर लागू ।

स्रोत – पी.आई.बी

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