भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अंडरवाटर विंग को पुनर्जीवित किया जाएगा

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अंडरवाटर विंग को पुनर्जीवित किया जाएगा

हाल ही में केंद्र सरकार चार राज्यों में अन्वेषण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अंडरवाटर विंग को पुनर्जीवित करेगा ।

संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अंडरवाटर विंग को पुनर्जीवित किया जा रहा है। यह चार राज्यों में तटीय अन्वेषण करेगा।

ये अन्वेषण स्थल होंगेद्वारका (गुजरात), कावेरी डेल्टा (तमिलनाडु) में कई पौराणिक स्थल तथा महाराष्ट्र और ओडिशा के तटीय स्थल।

ASI ने वर्ष 2001 में अपने अंडरवाटर विंग की स्थापना की थी। किन्तु विशेषज्ञों की कमी के कारण वह एक दशक से भी अधिक समय तक निष्क्रिय रहा है।

जल के नीचे अन्वेषण के लिए प्रौद्योगिकियां

  • रेडियोमेट्रिक तकनीक: यह तकनीक किसी पुरातत्वीय स्त्रोत की आयु का पता लगाने के लिए रेडियोधर्मी अशुद्धियों की खोज करती है। प्रवाल में कैल्शियम कार्बोनेटहोता है। यह किसी संरचना की आयु को ज्ञात करने में सहायक है।
  • थर्मोल्यूमिनेसेंस (TL) डेटिंगः एक विशेष तापीय घटना के लिए क्रिस्टलीय खनिजों से युक्त सामग्री का उपयोग किया जाता है। यह सिरेमिक के लिए उपयोगी है। यह जलावन (फायरिंग) की तिथि का निर्धारण करता है। साथ ही, यह लावा और पर्याप्त रूप से सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहे अवसादों की तिथि का भी निर्धारण करता है।

संरक्षण की आवश्यकता

  • यह इतिहास के माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान में मदद करेगा। साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं से सीखने में भी सहयोग करेगा।
  • यह राष्ट्र निर्माण और इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान की ब्रांडिंग करने में भी सहायक होगा।
  • यह स्थानीय स्तर पर आजीविका और विकास गतिविधियों में भी वृद्धि करेगा।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)

  • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की स्थापना वर्ष 1861 में की गई थी। यह वर्तमान में संस्कृति मंत्रालय के अधीन है। यह पुरातात्विक अनुसंधानों और राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए एक प्रमुख संगठन है।
  • यह प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के प्रावधानों के अनुसार देश में सभी पुरातात्विक गतिविधियों को विनियमित करता है।
  • यह पुरावशेष तथा बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम, 1972 को भी विनियमित करता है।
  • भारत के पहले पेशेवर पुरातत्वविद् अलेक्जेंडर कनिंघम वर्ष 1871 में ASI के प्रथम महानिदेशक बने थे।

स्रोत –द हिन्दू

Download Our App

MORE CURRENT AFFAIRS

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course