भारतीय डिजिटल कर विभेदक

भारतीय डिजिटल कर विभेदक

संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूनाइटेड स्टेट ट्रैड रिप्रजेंटेटिव–यूएसटीआर ) ने कहा है कि भारत, इटली और तुर्की द्वारा अपनाए गए डिजिटल सेवा कर (डीएसटी) अमेरिकी कंपनियों के साथ भेदभाव करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय कर सिद्धांतों के असंगत हैं।

संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि:

  • यह अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विकास और समन्वय हेतु उत्तरदायी एक संस्था है।
  • यूएस ट्रेड अधिनियमकीधारा 301, यूएसटीआर को किसी बाहरी देश द्वारा की गई अनुचित याभेदभावपूर्ण कार्रवाई जो कि अमेरिकी वाणिज्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, की जाँच करने और उस पर प्रतिक्रिया देने का व्यापक अधिकार प्रदान करती है।
  • वर्ष 1974 के व्यापार अधिनियम के माध्यम से अपनाई गई यह धारा अमेरिकी राष्ट्रपति को विदेशी राष्ट्रों पर टैरिफ या अन्य प्रतिबंध लगाने की अनुमति देती है।
  • हालांकि कानून व्यापारिक भागीदार देशों के साथ अनिवार्य परामर्श का विकल्प भी प्रस्तुत करता है।

डिजिटल सेवा कर:

  • यह कर कंपनियों द्वारा डिजिटल सेवाएँ प्रदान करने के बदले प्राप्त राजस्व पर अधिरोपित किया जाता है। यह कर मुख्य तौर पर गूगल, अमेज़न और एप्पल जैसी डिजिटल बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर लागू होता है।
  • वर्तमान में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन अंतर्राष्ट्रीय कर प्रणाली को अनुकूलित करने के उद्देश्य से 130 से अधिक देशों के साथ वार्ता कर रहा है। इस कार्यवाही का एक लक्ष्य अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से संबंधित कर चुनौतियोंका समाधान प्रस्तुत करना है।

डिजिटल कंम्पनियों पर भारत का कर:

  • सरकार ने वित्त विधेयक 2020-21 में 2 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार करने वाले गैर-निवासी ई-कॉमर्स ऑपरेटरों द्वारा किये जाने वाले व्यापार और सेवाओं पर 2 प्रतिशत डिजिटल सेवा कर लागू करने हेतु एक संशोधन किया था।
  • इसके माध्यम से प्रभावी ढंग से समतुल्य लेवी के दायरे का विस्तार किया गया, जो कि बीते वर्ष तक केवल डिजिटल विज्ञापन सेवाओं पर ही लागू होती थी।

यूएसटीआरकी जाँच रिपोर्ट:

  • भारत में डिजिटल सेवा करभेदभावपूर्ण है, क्योंकि यह भारतीय कंपनियों को छूट प्रदान करता है और गैर-भारतीय फर्मों को निशाना बनाता है।ये प्रौद्योगिकी उद्योग पर हावी अमेरिकी कंपनियों को प्रभावित करते हैं।
  • डिजिटल सेवा कर के तहत 119 कंपनियाँ की पहचान की गई, जिसमें से 86 (72 प्रतिशत) कंपनियाँ अमेरिकी थीं।
  • यूएसटीआरका अनुमान है कि अमेरिकी कंपनियों के लिये कुल कर बिलप्रतिवर्ष 30 मिलियन अमेरिकीडॉलरसे अधिक हो सकता है।
  • यूएसटीआरने निर्धारित किया कि भारत का DST अनुचित या भेदभावपूर्ण है और US कॉमर्स को प्रतिबंधित करता है। इस प्रकार यहधारा 301, यूएस ट्रेड अधिनियमके तहत कार्रवाई योग्य है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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