भारतीय टेलीग्राफ मार्ग का अधिकार (Right of Way: RoW) नियम, 2016 में संशोधन
हाल ही में दूरसंचार विभाग (DoT) ने भारतीय टेलीग्राफ मार्ग का अधिकार (Right of Way: RoW) नियम, 2016 में संशोधन जारी किए हैं ।
नए संशोधनों का उद्देश्य दूरसंचार नेटवर्क का तेजी से विस्तार करना और अपग्रडेशन को आसान बनाना है। इस तरह से समग्र सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना है।
RoW नियम, 2016 समयबद्ध तरीके से मंजूरी देने और विवादों के निपटारे के लिए एक रूपरेखा प्रदान करते हैं। इसके अलावा, कंपनियों और सरकार के बीच समन्वय में सुधार पर भी बल देते हैं।
इससे पहले वर्ष 2021 में भी इन नियमों को संशोधित किया गया था। उस समय ओवरग्राउंड टेलीग्राफ लाइन बिछाने के लिए एक समान प्रक्रिया अपनाने और क्षतिपूर्ति से संबंधित प्रावधानों को शामिल करने के लिए संशोधन किए गए थे।
नवीनतम संशोधनों की मुख्य विशेषताएं-
- 5G सेवा जल्द शुरू करने के लिए RoW आवेदन प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है।
- नियमों के पालन की लागत को कम करने के लिए प्रशासनिक शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है।
- दूरसंचार लाइसेंसधारी निजी संपत्ति के मालिकों के साथ समझौता कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें किसी सरकारी प्राधिकरण से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
- साथ ही 5G सेवा जल्द शुरू करने के लिए गति शक्ति संचार पोर्टल पर एक नया 5G RoW आवेदन-पत्र लॉन्च किया गया है।
- पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, यह पोर्टल देश भर में डिजिटल संचार अवसंरचना की सुचारू तरीके से स्थापना की सुविधा प्रदान करता है।
- यह पोर्टल दूरसंचार संबंधी सभी RoW उपयोगों के लिए एक सिंगल विंडो पोर्टल होगा।
मार्ग का अधिकार (ROW) क्या है?]
दूरसंचार सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां ऐसी जमीनों पर टावर जैसी भौतिक नेटवर्क अवसंरचना के निर्माण के लिए मार्ग का अधिकार का उपयोग करती हैं, जिनका स्वामित्व उनके पास नहीं होता।
स्रोत –द हिन्दू