भारतीय कूटनीति के नए 5 स्तंभों की सूची जारी
हाल ही में, विदेश सचिव ने रणनीतिक स्वायत्तता और वैश्विक कल्याण के लिए भारतीय कूटनीति के पांच स्तंभों की सूची जारी की गई है।
रणनीतिक स्वायत्तता एक राज्य की अपने राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने और अन्य राज्यों द्वारा किसी भी प्रकार से बाधित हुए बिना अपनी इच्छानुसार विदेश नीति अपनाने की क्षमता को दर्शाती है।
चुनौतियों से निपटने के लिए अभिनव समाधानों के सृजन हेतु रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखने में सहायता करने वाले इन 5 स्तंभों में शामिल हैं: –
- विचारशीलता में भारतीयः मध्यम मार्ग की परंपरा, जो बौद्ध धर्म की शिक्षाओं से उत्पन्न हुई है। भारत अति-रणनीतिक और अति-राजनीतिक व्यवहार से बचने की प्रवृत्ति रखता है। उदाहरण के लिए, इजरायल–फिलिस्तीन मुद्दे पर द्विराष्ट्र समाधान का अनुपालन।
- बहुधुवीय केन्द्रितः उदाहरणार्थ, भारत की नेबरहुड फर्स्ट, एक्ट ईस्ट, थिंक वेस्ट, गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) और ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स/BRICS), शंघाई सहयोग संगठन (sco) आदि जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भागीदारी की नीतियां।
- सरकार के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय बल गुणक के रूप में कार्यः भारत ने आवश्यक दवाएं, टीके और अन्य कोविङ-संबंधी सहायता प्रदान करके कोविड महामारी के शुरुआती दिनों में कई देशों की मदद की है।
- वैश्विक कल्याण के लिए एक शक्ति: भारत द्वारा अग्र-सक्रिय रूप से मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) प्रदान की गई है, हिंद महासागर के लिए भारत का विज़नसागर (SAGAR) (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की अवधारणा पर आधारित है आदि।
- भविष्य की ओर चिंतनः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार और सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत के प्रयास, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन आदि।
स्रोत – पीआईबी