भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022 पारित

भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022 पारित

हाल ही में लोकसभा ने भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022 पारित किया है।

यह विधेयक अंटार्कटिक संधि को प्रभावी बनाएगा। इसके अलावा, यह अंटार्कटिक क्षेत्र में भारत द्वारा स्थापित अनुसंधान स्टेशनों को भारत के घरेलू कानूनों के दायरे में लाएगा।

अंटार्कटिक संधि पर वर्ष 1959 में हस्ताक्षर किए गए थे। यह संधि वर्ष 1961 में लागू हुई थी।

वर्तमान में, इस संधि के पक्षकारों की कुल संख्या 54 है। भारत भी इसका पक्षकार है।

विधेयक की मुख्य विशेषताएं

  • यह अंटार्कटिका संधि के लिए किसी अन्य पक्षकार के परमिट या लिखित मंजूरी के बिना अंटार्कटिका में भारतीय अभियान को प्रतिबंधित करता है।
  • यह अंटार्कटिका में बेहतर शोध कार्य और इस बर्फीले महाद्वीप के पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक कोष के गठन का प्रावधान करता है।
  • यह भारतीय न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र को अंटार्कटिका तक विस्तारित करता है। साथ ही,अंटार्कटिका में भारतीय अभियानों से जुड़े भारतीय नागरिकों औरविदेशी नागरिकों द्वारा किये गए अपराधों के मामले में दंडात्मक प्रावधान करता है।
  • यह अंटार्कटिका अभिशासन और पर्यावरण संरक्षण पर समिति की स्थापना का प्रावधान करता है। यह समिति अंतर्राष्ट्रीय कानूनों व उत्सर्जन मानकों की निगरानी, उनका कार्यान्वयन और अनुपालन सुनिश्चित करेगी।
  • यह अंटार्कटिका की प्राकृतिक अवस्थिति के समक्ष खतरा उत्पन्न करने वाले खनन, ड्रेजिंग और अन्य गतिविधियों को प्रतिबंधित करता है।

विधेयक का महत्व

  • यह विधेयक अंटार्कटिका की यात्रा और गतिविधियों को विनियमित करता है। साथ ही, भविष्य में होने वाले विवादों के लिए मूलभूत नियम भी निर्धारित करता है।
  • यह अंटार्कटिका में समुद्री जीव संसाधनों के दोहन और मानव की मौजूदगी को रोकता है।
  • भारतीय शोधकर्ताओं के लिए इस निर्जन क्षेत्र का अन्वेषण करने का रास्ता खोलता है।

अंटार्कटिका में भारत के प्रयास

  • भारत ने वर्ष 1983 में अंटार्कटिका संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद जल्द ही उसे परामर्शदाता का दर्जा प्राप्त हो गया था।
  • भारत ने मैड्रिड प्रोटोकॉल पर भी हस्ताक्षर किए थे। यह वर्ष 1998 में लागू हुआ। यह अंटार्कटिका को ‘शांति और विज्ञान’ के प्रति समर्पित प्राकृतिक भंडार का दर्जा देता है।

भारत निम्नलिखित का भी सदस्य है:

  • राष्ट्रीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के प्रबंधकों की परिषद (COMNAP);
  • अंटार्कटिका अनुसंधान की वैज्ञानिक समिति (SCAR) और
  • अंटार्कटिका समुद्री सजीव संसाधनों के संरक्षण के लिए आयोग (CCAMLR)।

अंटार्कटिक की प्रमुख विशेषताएँ:

  • अंटार्कटिका पृथ्वी का सबसे दक्षिणतम महाद्वीप है। इसमें भौगोलिक रूप से दक्षिणी ध्रुव शामिल है और यह दक्षिणी गोलार्द्ध के अंटार्कटिक क्षेत्र में स्थित है।
  • 14,0 लाख वर्ग किलोमीटर (5.4 लाख वर्ग मील) में विस्तृत यह विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है।
  • भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के तहत अंटार्कटिक महाद्वीप पर भारत के दो अनुसंधान केंद्र हैं- ‘मैत्री’ (1989 में स्थापित) शिरमाकर हिल्स में, तथा ‘भारती’ (2012 में स्थापित) लारसेमैन हिल्स में।
  • भारत ने आधिकारिक रूप से अगस्त 1983 में अंटार्कटिक संधि प्रणाली को स्वीकार किया

स्रोत द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course