ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारा
हाल ही में ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने उत्तर प्रदेश के रक्षा औद्योगिक गलियारे के लखनऊ नोड में सुविधा केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है ।
- ब्रह्मोस (ब्रह्मपुत्र एवं मोस्कवा नामक दो नदियों के नाम पर) एयरोस्पेस, भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defense Research and Development Organization: DRDO) तथा रूस के एन.पी.ओ. मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroyenia: NPOM) का एक संयुक्त उद्यम है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे में ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना के लिए आधुनिक सुविधा केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
- ब्रह्मोस वायु से सतह पर प्रहार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसकी उड़ान की सीमा लगभग 300किमी है।
रक्षा औद्योगिक गलियारों (Defense Industrial Corridors: DICs) के बारे में
- DIC एक ऐसे मार्ग या पथ को संदर्भित करता है, जिस पर अवस्थित कुछ चयनित स्थानों पर सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) द्वारा रक्षा उपकरणों का घरेलू उत्पादन किया जाता है। इनका उद्देश्य रक्षा बलों की परिचालन क्षमता में वृद्धि करना है।
- ये गलियारे विभिन्न रक्षा औद्योगिक इकाइयों के मध्य बेहतर संपर्क सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ परस्पर व्याप्त हैं।
- सरकार द्वारा ऐसे दो गलियारे उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में स्थापित किए गए हैं।
DICs का महत्व
- ये गलियारे रक्षा उपकरणों के आयात में कमी लाएंगे और अन्य देशों में इन उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा देंगे।
- स्टॉकहोल्म इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) रिपोर्ट, 2021 के अनुसार भारत हथियार आयातक देशों की सूची में दूसरे स्थान पर है।
- ये रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सहायता करेंगे। साथ ही, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी सृजित करेंगे। ये निजी घरेलू निर्माताओं, MSMEs और स्टार्टअप के विकास को भी प्रोत्साहित करेंगे।
स्रोत –द हिन्दू