बिम्सटेक एनर्जी सेंटर (BEC) के शासकीय बोर्ड की पहली बैठक संपन्न
हाल ही में भारत ने बिम्सटेक एनर्जी सेंटर (BEC) के शासकीय बोर्ड की पहली बैठक की मेजबानी की
इस बैठक में भारत ने BEC की विशेष विंग्स में साइबर सुरक्षा, ग्रीन हाइड्रोजन और ऊर्जा संक्रमण को जोड़ने की सिफारिश की थी।
BEC के बारे में
- वर्ष 2005 में आयोजित बिम्सटेक ऊर्जा मंत्रियों के प्रथम सम्मेलन में BEC के गठन पर सहमति बनी थी।
- इसके गठन के पीछे मुख्य ध्येय ऊर्जा क्षेत्रक में सुधार, पुनर्संरचना, विनियमन और सर्वोत्तम प्रथाओं से प्राप्त अनुभवों को साझा करना था ।
- BEC के उद्देश्य: बिम्सटेक देशों के बीच सार्थक सहयोग पर रोडमैप का सुझाव देने के लिए ऊर्जा संबंधी डेटाबेस का निर्माण, प्रबंधन और मूल्यांकन करना ।
बिम्सटेक ऊर्जा सहयोग के लिए शुरू की गई पहलें
- वर्ष 2018 में सदस्य देशों ने ग्रिड इंटरकनेक्शन से संबंधित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इसका उद्देश्य बिम्सटेक क्षेत्र में बेहतर पावर ट्रांसमिशन के साथ विद्युत के व्यापार को बढ़ावा देना है।
- 1125 मेगावाट की दोरजिलुंग हाइड्रोपावर परियोजना में बांग्लादेश, भूटान और भारत शामिल हैं। इस परियोजना के तहत भूटान को भारत के माध्यम से बांग्लादेश को विद्युत निर्यात करने की अनुमति दी गई है।
बहु–क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक / BIMSTEC) के बारे में
- गठन: यह एक क्षेत्रीय संगठन है। इसे 6 जून, 1997 को बैंकॉक घोषणा पर हस्ताक्षर करने के साथ स्थापित किया गया था।
- उद्देश्यः इसका उद्देश्य क्षेत्रीय और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
- सदस्य देशः बंगाल की खाड़ी से सटे और इसके आसपास के 7 देश इस संगठन के सदस्य हैं।
- ये देश हैं भारत`, थाईलैंड, म्यांमार, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान ।
- वर्तमान अध्यक्ष : वर्तमान में थाईलैंड इसका अध्यक्ष है। इसका सचिवालय बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित हैं।
स्रोत – पी.आई.बी.
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