गोड्डा में स्थापित 1600 मेगावाट के (USCTPP) से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति शुरू
हाल ही में झारखंड के गोड्डा में स्थापित 1600 मेगावाट के अल्ट्रा सुपर-क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट (USCTPP) से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति शुरू की गई है
गोड्डा USCTPP भारत की ऐसी पहली परिचालित अंतर्राष्ट्रीय विद्युत परियोजना है, जहां उत्पादित शत-प्रतिशत बिजली की दूसरे देश को आपूर्ति की जाती है।
गोड्डा पावर प्लांट भारत का पहला ऐसा पावर प्लांट है जिसने उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरण के अनुकूल संचालन के लिए 100 प्रतिशत फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (flue gas desulphurisation: FGD), सेलेक्टिव कैटेलिटिक रीकन्वर्टर (SCR) और जीरो वाटरडिस्चार्ज के साथ परिचालन शुरू किया है।
गोड्डा से आपूर्ति की गई बिजली तरल ईंधन के उपयोग से उत्पन्न महंगी बिजली की जगह बांग्लादेश की बिजली स्थिति को लाभ पहुंचाएगी।
इस बदलाव से बांग्लादेश को खरीदी गई बिजली की औसत लागत कम करने में मदद मिलेगी।
साथ ही इससे क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक ग्रिड इंटरकनेक्शन को बढ़ावा मिलेगा ।
यह परियोजना 3,000 किलोमीटर तक विस्तारित पावर ग्रिड का निर्माण करेगी। यह उपलब्धि ज्यादातर मौजूदा राष्ट्रीय या क्षेत्रीय ग्रिड के इंटरकनेक्शन के माध्यम से प्राप्त होगी।
यह 140 देशों को जोड़ने वाली ‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड एंड ग्रीन ग्रिड्स (OSOWOG ) ‘ पहल के आंशिक रूप से समान है।
भारत और यूनाइटेड किंगडम अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) तथा विश्व बैंक समूह के सहयोग से OSOWOG पहल का नेतृत्व कर रहे हैं।
इसमें विश्व स्तर पर परस्पर जुड़े सौर विद्युत ग्रिड्स का पहला अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क शामिल है।
परियोजना का महत्त्व
यह परियोजना दक्षिण एशिया और पश्चिम एशिया में चीन के बढ़ते कूटनीतिक प्रभाव को कम करने में सहायक होगी ।
बिजली की कीमतों को तर्कसंगत बनाने से दोनों देशों के उपभोक्ताओं को लाभ होगा ।
यह परियोजना ऊर्जा अवसंरचना का बेहतर क्षमता उपयोग सुनिश्चित करेगी।
चुनौतियां : ऊर्जा अधिशेष देशों को एक मंच पर लाना, अधिकतर विद्युत इंटरकनेक्शन का द्विपक्षीय होना, बुनियादी ढांचे से जुड़ी चुनौतियां आदि।
स्रोत – द हिन्दू