बहु – राज्य सहकारी समिति (संशोधन)विधेयक 2022
बहु – राज्य सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक 2022 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट संसद को सौंप दी है।
- इस विधेयक को दिसंबर 2022 में लोकसभा में पेश किया गया था। बाद में इस विधेयक को संयुक्त समिति के पास विचार के लिए भेज दिया गया था ।
- यह विधेयक बहु-राज्य सहकारी समिति (MSCS) अधिनियम, 2002 में संशोधन करने के लिए पेश किया गया है।
- यह संशोधन 97वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2011 को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। 97वें संविधान संशोधन ने संविधान में एक नया भाग IXB जोड़ा था ।
- उपर्युक्त के अतिरिक्त, इस विधेयक का उद्देश्य ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार करना, वित्तीय अनुशासन में वृद्धि करना और MSCS को धन जुटाने के लिए सक्षम बनाना भी है।
विधेयक की मुख्य विशेषताएं
- बोर्ड के सदस्यों का चुनाव: केंद्र सरकार ‘सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण की स्थापना करेगी। इसमें एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अधिकतम तीन सदस्य शामिल होंगे ।
- शिकायतों का निवारण: सदस्यों की शिकायतों की जांच के लिए केंद्र सरकार एक या एक से अधिक सहकारी लोकपाल नियुक्त करेगी। साथ ही, इनका प्रादेशिक क्षेत्राधिकार भी निर्धारित करेगी ।
- इस विधेयक में रुग्ण बहु-राज्य सहकारी समितियों के पुनरुद्धार के लिए सहकारी पुनर्सुधार, पुनर्निर्माण और विकास निधि की स्थापना का प्रावधान किया गया है ।
अन्य प्रावधान:
- सहकारी समिति के अधिकारियों या सदस्यों द्वारा संबंधित उपबंधों के उल्लंघन पर आर्थिक दंड में वृद्धि की गई है;
- सभी बहु- राज्य सहकारी समितियों को सहकारी सूचना अधिकारी नियुक्त करना होगा आदि ।
- MSCS ऐसी सहकारी समितियां होती हैं, जिनकी गतिविधियां केवल एक राज्य तक ही सीमित नहीं होती हैं। ये एक से अधिक राज्यों में व्यक्तियों के हितों की पूर्ति करती हैं।
- सहकारिता स्वैच्छिक रूप से संगठित व्यक्तियों का एक स्वायत्त संघ है। ये लोग संयुक्त स्वामित्व वाले और लोकतांत्रिक रूप से नियंत्रित उद्यम के माध्यम से अपनी साझी आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऐसा संघ स्थापित करते हैं ।
स्रोत – द हिन्दू