जापान ‘बहु-पक्षीय अंतरिम अपील मध्यस्थता व्यवस्था‘ (MPIA) में शामिल
हाल ही में जापान ‘बहु-पक्षीय अंतरिम अपील मध्यस्थता व्यवस्था’ (Multi-Party Interim Appeal Arbitration Arrangement: MPIA) में शामिल होने वाला नवीनतम देश है।
- MPIA, विश्व व्यापार संगठन (WTO) से संबंधित विवादों को हल करने के लिए एक वैकल्पिक प्रणाली है। MPIA का गठन वर्ष 2020 में हुआ था।
- यह WTO अपीलीय निकाय के सक्रिय नहीं रहने की स्थिति में WTO सदस्य द्वारा दायर अपील की सुनवाई करती है ।
- WTO के सदस्य देश विश्व व्यापार संगठन विवाद निपटान समझौते के अनुच्छेद 25 के तहत MPIA में विवाद ले जा सकते हैं।
- WTO का कोई भी सदस्य विवाद निपटान निकाय को सूचित करके MPIA में शामिल हो सकता है।
- भारत अभी तक MPIA का सदस्य नहीं है। विवाद निपटान निकाय, WTO के सभी सदस्य प्रतिनिधियों से मिलकर बना है ।
- सदस्यों के बीच विवाद की स्थिति में, MPIA पिछली अपील प्रक्रियाओं का स्थान ले लेगी।
- साथ ही, सदस्यों के बीच भविष्य में होने वाले विवादों के मामले में भी MPIA ही लागू होगी ।
- उल्लेखनीय है कि वर्तमान में WTO का विवाद निपटान निकाय निष्क्रिय अवस्था में है, क्योंकि अमेरिका ने इस निकाय के लिए न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी है। इस कारण, MPIA की स्थापना का विचार प्रस्तुत किया गया था ।
WTO में शिकायत दर्ज होने के बाद विवाद को निपटाने के निम्नलिखित दो मुख्य तरीके हैं:
- पक्षकार (विशेष रूप से द्विपक्षीय विचार-विमर्श के चरण के दौरान) परस्पर सहमति वाले समाधान खोजने का प्रयास करते हैं; तथा
- अधिनिर्णयन के माध्यम से, जिसमें बाद में पैनल और अपीलीय निकाय की रिपोर्ट का कार्यान्वयन भी शामिल है ।
WTO की विवाद निपटान प्रक्रिया के तीन मुख्य चरण हैं:
विवाद के पक्षकारों के बीच विचार-विमर्श;
पैनल द्वारा अथवा यदि लागू हो तो अपीलीय निकाय द्वारा अधिनिर्णय; और निर्णय का कार्यान्वयन ।
स्रोत – रियूटर