केंद्र सरकार द्वारा बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित

केंद्र सरकार द्वारा बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित

हाल ही में लोक सभा ने बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 (Multi- State Cooperative Societies (Amendment) Bill 2022) पारित कर दिया गया है । यह विधेयक बहु राज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 में संशोधन करेगा।

इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य बहु-राज्य सहकारी समितियों में गवर्नेस को मजबूत करना, पारदर्शिता बढ़ाना, जवाबदेही तय करना और चुनावी प्रक्रियाओं में सुधार करना है ।

संशोधन विधेयक के प्रमुख प्रावधान:

  • सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण (CEA): केंद्र सरकार बहु-राज्य सहकारी समितियों (MSCS) की चुनाव प्रक्रिया के संचालन, पर्यवेक्षण, निर्देशन और नियंत्रण के लिए सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण (CEA) की स्थापना करेगी ।
  • सहकारी समितियों का एकीकरण: प्रस्तुत विधेयक राज्य सहकारी समितियों को मौजूदा MSCS में विलय करने की अनुमति देता है।
  • एक आम बैठक में उपस्थित और मतदान करने वाले सहकारी समिति के कम-से-कम दो-तिहाई सदस्यों को इस तरह के विलय की अनुमति देने के लिए एक प्रस्ताव पारित करना होगा ।
  • रुग्ण सहकारी समितियों के लिए निधि: रुग्ण सहकारी समितियों के पुनरुद्धार के लिए सहकारी पुनर्वास, पुनर्निर्माण और विकास कोष (CRRDF) की शुरुआत की गई है। MSCS जो पिछले तीन वित्तीय वर्षों से लाभ में हैं, वे कोष को वित्त पोषित करेंगे।
  • सरकारी शेयरधारिता के मोचन ( redemption) पर प्रतिबंध: MSCS में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा धारित किसी भी शेयर को उनकी पूर्व स्वीकृति के बिना नहीं भुनाया जा सकता है।
  • शिकायतों का निवारण: केंद्र MSCS के सदस्यों के संबंध में की गई। शिकायतों की जांच करने और 3 महीने के भीतर प्रक्रिया को पूरा करने के लिए क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में एक या अधिक सहकारी लोकपाल नियुक्त करेगा ।

भारत में सहकारिता आंदोलन:

  • भारत में सहकारिता आंदोलन लगभग 115 साल पुराना है और इस आंदोलन ने कई महत्वपूर्ण उपक्रम देश को दिए हैं जो आज लाखों लोगों को रोज़गार दे रहे हैं, जैसे अमूल, कृभको, इफ्को।
  • संविधान के तहत सहकारी समितियाँ राज्य का विषय हैं, अर्थात वे राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आती हैं, लेकिन कई समितियाँ हैं जिनके सदस्य और संचालन क्षेत्र एक से अधिक राज्यों में फैले हुए हैं। उदाहरण के लिए, कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पर जिलों की अधिकांश चीनी मिलें दोनों राज्यों से गन्ना खरीदती हैं।
  • मौजूदा कानून – बहु-राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम (एमएससीएस) 2002 – बहुराज्यीय सहकारी सोसाइटी के प्रबंधन के लिए तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा अधिनियमित किया गया था।
  • एक से अधिक राज्यों की सहकारी समितियाँ MSCS अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं। उनके निदेशक मंडल में उन सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व है जहां वे काम करते हैं।
  • पहले, सहकारिता कृषि मंत्रालय के अधीन एक विभाग था। हालाँकि, 6 जुलाई 2021 को सरकार ने एक अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया और अमित शाह देश के पहले सहकारिता मंत्री बने। मंत्रालय का कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, उन्होंने एक नई राष्ट्रीय सहकारी नीति लाने की घोषणा की।

संविधान में सहकारी समितियां:

  • संविधान (97वां संशोधन अधिनियम), 2011 भारत में सहकारी समितियों के लिए प्रावधान करता है।
  • संशोधन ने सहकारी समितियों को कानूनी दर्जा और सुरक्षा प्रदान की। इस संशोधन के माध्यम से संविधान में भागIXB जोड़ा गया

स्रोत – पी.आई.बी.

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