फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा स्टेशन (FDNPS)
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अनुसार फुकुशिमा में उपचारित जल को समुद्र में छोड़ने की जापान की योजना अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप है।
फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा स्टेशन (FDNPS) 2011 में आए भूकंप से क्षतिग्रस्त हो गया था। इससे परमाणु ऊर्जा स्टेशन की साइट पर और उसके आसपास का पानी रेडियोधर्मी सामग्री से दूषित हो गया था।
FDNPS में संग्रहीत दूषित जल को एडवांस्ड लिक्विड प्रोसेसिंग सिस्टम (ALPS) के माध्यम से उपचारित किया गया है। इसे ट्रिटियम को छोड़कर, लगभग सभी तरह की रेडियोधर्मिता को हटाने के लिए उपचारित किया गया है।
ALPS प्रणाली एक पंपिंग और फिल्टरेशन प्रणाली है। यह दूषित जल से 62 रेडियोन्यूक्लाइड को हटाने के लिए रासायनिक अभिक्रियाओं की एक श्रृंखला का उपयोग करती है ।
ALPS प्रणाली द्वारा उपचारित किए जाने से पहले, दूषित जल से सीज़ियम और स्ट्रोंशियम को समय-समय पर हटा दिया जाता है।
अधिकतर रेडियोधर्मिता संबंधी जल प्रदूषण के लिए सीज़ियम और स्ट्रोंशियम ही जिम्मेदार होते हैं।
पानी को समुद्र में छोड़ने से पहले, जापान ट्रिटियम को विनियामक मानकों से नीचे लाने के लिए पानी को तनु (Dilute) करेगा।
जापान ने IAEA से अनुरोध किया था कि वह FDNPS में संग्रहीत जल को समुद्र में छोड़ने की योजना के सुरक्षा संबंधी पहलुओं की विस्तृत समीक्षा करे।
IAEA की समीक्षा में जल को छोड़ने की योजना के सभी प्रमुख सुरक्षा तत्वों को तीन प्रमुख घटकों में श्रेणीबद्ध किया गया है:
रक्षा और सुरक्षा का आकलन;
विनियामकीय गतिविधियां और प्रक्रियाएं; तथा
स्वतंत्र नमूना चयन, डेटा पुष्टिकरण और विश्लेषण
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस