यूरोपीय संघ द्वारा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए ‘फिट फॉर 55’ लक्ष्य
हाल ही में यूरोपीय संघ (EU) के विधि-निर्माताओं ने कार्बन बाजार सुधारों को मंजूरी दी है, अपनाए गए ये सुधार यूरोपीय संघ के फिट फॉर 55 पैकेज का हिस्सा हैं ।
- फिट फॉर 55 यूरोपीय संघ द्वारा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए निर्धारित किए गए लक्ष्य हैं।
- इसके तहत 2030 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को 1990 के स्तर से कम से कम 55% तक कम करना है। साथ ही 2050 तक शुद्ध शून्य (Net Zero) उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करना है ।
भारत द्वारा कार्बन सीमा कर का विरोध किये जाने के कारण
- यह सामान किन्तु विभेदित उत्तरदायित्व (Common But Differentiated Responsibilities: CBDR) सिद्धांत के खिलाफ है।
- यह भेदभावपूर्ण है,क्योंकि इससे यूरोप में भारतीय वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी और उनकी मांग घट जाएगी।
- इसके परिणामस्वरूप, बाजार विकृति उत्पन्न हो सकती है।
- ग्लोबल साउथ के समक्ष संभावित आर्थिक जोखिम पैदा हो सकता है। विकासशील देशों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए पर्याप्त तेजी से विकार्बनीकरण करने हेतु संघर्ष करना पड़ सकता है।
- अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाएं भी कार्बन सीमा कर लागू कर सकती हैं। यह अल्पावधि में विकासशील देशों के उद्योगों के लिए हानिकारक सिद्ध होगा ।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस