फ़ोमाल्हौट नामक तारे के निकट क्षुद्रग्रह की एक नई पट्टी की खोज
हाल ही में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने फ़ोमाल्हौट नामक तारे के निकट क्षुद्रग्रह की एक नई पट्टी की खोज की है
JWST के पर्यवेक्षणों से फ़ोमाल्हौट के पास दो अतिरिक्त धूल भरे वलय या पट्टियों का पता चला है। इनमें आंतरिक वलय चमकीला और मध्यवर्ती वलय संकीर्ण है।
तारों के चारों ओर मौजूद धूल कणों में कार्बन व आयरन जैसे तत्व होते हैं । ये तत्व ग्रह प्रणालियों के निर्माण में मदद कर सकते हैं।
फ़ोमाल्हौट, पिस्किस ऑस्ट्रिनस नामक सुदूर दक्षिणी तारामंडल में सबसे चमकीला तारा है । यह सूर्य के द्रव्यमान और आकार से लगभग दोगुना है।
साथ ही सूर्य की ऊर्जा से 16 गुना अधिक विकिरण उत्पन्न करता है।
वर्ष 1983 में फ़ोमाल्हौट के आसपास मलबे की एक पट्टी खोजी गई थी ।
धूल भरी पट्टियां, क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं जैसे बड़े पिंडों के टकराने से उत्पन्न हुए मलबे हैं। अक्सर इन्हें ‘डेब्रिस डिस्क के रूप में वर्णित किया जाता है ।
ये डिस्क सौर मंडल की कुइपर बेल्ट के समान हैं। कुइपर बेल्ट सूर्य के चारों ओर बर्फीले पिंडों का एक डोनट के आकार का वलय है, जो नेपच्यून की कक्षा से ठीक आगे तक विस्तारित है ।
फ़ोमाल्हौट की तीन पट्टियां ग्रहाणुओं (planetesimal) से निर्मित हैं । ये ग्रहाणु धूल युक्त ढेर, कंकड़ आदि का संचय हैं, जो ग्रहों के निर्माण के घटक हैं ।
JWST, नासा (NASA) की ‘इन्फ्रारेड फ्लैगशिप’ वेधशाला है । यह नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग है।
इसे ‘सूर्य – पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु – 2’ (12) में स्थापित किया गया है।
JWST को ‘हबल स्पेस टेलीस्कोप (HST) का अगला चरण माना जा रहा है।
स्रोत – नासा