वैश्विक स्तर पर भारत की ‘वित्तीय प्रौद्योगिकी अंगीकरण’ दर 87%
हाल ही में वित्त मंत्री के अनुसार वैश्विक स्तर पर भारत की वित्तीय प्रौद्योगिकी अंगीकरण (FinTech Adoption Rate) की दर 64% की तुलना में 87% है ।
- वित्त मंत्री ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2021 में अपने संबोधन के दौरान इस तथ्य का उल्लेख किया कि वर्तमान में भारत, डिजिटल गतिविधियों व डिजिटल भुगतान के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभरा है।
- फिनटेक एक छत्रक पदावली है, जो वित्तीय सेवाओं को प्रभावित करने वाले तकनीकी नवाचार को इंगित करती है।
- भारत में, फिनटेक पारंपरिक वित्तीय संस्थानों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं जैसे सीमित पैठ/पहुँच, अपर्याप्त क्रेडिट इतिहास और नकदी संचालित लेनदेन अर्थव्यवस्था का व्यावहारिक समाधान प्रदान कर सकता है।
- भारतीय फिनटेक बाजार का मूल्य वर्तमान में 31 बिलियन डॉलर है। इसके वर्ष 2025 तक 84 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की अपेक्षा की गई है।
उदाहरण के लिए: पीयर टू पीयर (P2P) लेंडिंग प्लेटफॉर्म, क्राउडफंडिंग, ब्लॉक चेन तकनीक, बिगडेटा, ई-एग्रीगेटर्स इत्यादि।
भारत में फिनटेक विकास के संचालक: उच्च मात्रा में वित्तपोषण, ओपन एप्लीकेशन प्रोगरामिंग इंटरफेस प्लेटफॉर्म अर्थात् आधार, यूनिफाइड पेमेंट्सइंटर फेस (UPI), नवीन कृत्रिम बुद्धिमता (AI) संचालित व्यापार मॉडल का कार्यान्वयन, सेलफोन और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की अत्यधिक संख्या इत्यादि।
इस अवसर पर, वित्त मंत्री ने उत्तरदायी डिजिटल भुगतान के लिए संयुक्त राष्ट्र सिद्धांतों पर एक रिपोर्ट भी जारी की है। यह रिपोर्ट सरकार, उपयोगकर्ताओं और उद्योग एवं व्यवसायों के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों की रूपरेखा तैयार करती है।
इस रिपोर्ट के अंतर्गत अग्रलिखित सिद्धांतों को रेखांकित किया गया है: सभी उपयोगकर्ताओं के साथ निष्पक्ष व्यवहार करना, यह सुनिश्चित करना कि धन सुरक्षित व सुलभ हो, महिलाओं को प्राथमिकता प्रदान करना और डिजिटलीकरण प्रक्रिया में महिलाओं की समानता सुनिश्चित करना, ग्राहक डेटा की सुरक्षा करना इत्यादि।
स्रोत – द हिन्दू