UPSC प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम
यूपीएससी प्रीलिम्स को जीतने की यात्रा में, पाठ्यक्रम की जटिलताओं को समझना सफलता की ओर आपका पहला कदम है। इस लेख का उद्देश्य यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम को आसानी से पचने योग्य खंडों में विभाजित करना है, जिससे आपको अपनी तैयारी को सुव्यवस्थित करने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की जा सके।
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा प्रत्येक वर्ष भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के लिए परीक्षा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है। प्रत्येक वर्ष लगभग 12 से 15 लाख छात्र आवेदन पत्र भरते हैं यद्यपि उनमें से बहुत कम छात्र अपने आईएएस बनने की महत्वाकांक्षा को पूरा करने में सफल हो पाते हैं। सिविल सर्विस एग्जाम की अप्रत्याशित प्रकृति तथा पाठ्यक्रम की लंबाई इसे एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण परीक्षा बनाती है। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा तीन भागों में संपन्न होती है: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार।
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प्रारंभिक परीक्षा
जनरल स्टडीज पेपर 1
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएं।
- भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
- भारतीय और विश्व भूगोल-भौतिक, सामाजिक, भारत और विश्व का आर्थिक भूगोल।
- भारतीय राजनीति और शासन-संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे, आदि।
- आर्थिक और सामाजिक विकास-सतत विकास, गरीबी, समावेश, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल आदि।
- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे
- सामान्य विज्ञान
जनरल स्टडीज पेपर 2 (CSAT)
जनरल स्टडीज पेपर 2 अथवा CSAT पेपर एक क्वालीफाइंग पेपर है जिसमें विद्यार्थियों को न्यूनतम 33% नंबर प्राप्त करने होते है। प्रश्न बहुविकल्पीय तथा वस्तुनिष्ठ दोनों प्रकार के सम्मिलित होते हैं। विद्यार्थियों के लिए प्रारंभिक परीक्षा के दोनों प्रश्न पत्रों में उपस्थित होना अनिवार्य है।
- संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल
- तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता
- निर्णय लेना और समस्या समाधान
- सामान्य मानसिक क्षमता
- बुनियादी संख्या (संख्या और उनके संबंध, परिमाण के आदेश, आदि) (कक्षा X स्तर), डेटा व्याख्या (चार्ट, रेखांकन, तालिकाओं, डेटा पर्याप्तता आदि) – कक्षा X स्तर)
प्रारंभिक परीक्षा के विषय कैसे तैयारी करें।
इतिहास
इतिहास में प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास एवं आधुनिक इतिहास के टॉपिक्स शामिल है जिनमें आधुनिक इतिहास तथा भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन सबसे अधिक महत्वपूर्ण टॉपिक है। विद्यार्थियों को उनके बारे में विस्तृत रूप से पढ़ना चाहिए क्योंकि अधिकांश प्रश्न इन्हीं टॉपिक्स से पूछे जाते हैं।
प्राचीन इतिहास से 4 से 6 क्प्रश्न सामान्यतः पूछे जाते हैं तथा इसमें वैदिक काल एल, प्राचीन सभ्यताएं, बौद्ध तथा जैन धर्म, दक्षिण भारत के राज्य, मंदिर, गुप्त वंश, मौर्य वंश, प्रतिहार, चोल चेर व पंड्या साम्राज्य एवं संगम साहित्य आदि महत्वपूर्ण टॉपिक्स है।
मध्यकालीन इतिहास में दिल्ली सल्तनत, मुगल काल, अकबर, तुगलक वंश, राजस्थान के शासक, सूफी आंदोलन, प्रमुख युद्ध, प्रमुख शासकों का प्रशासन, यूरोपीय शक्तियों का आगमन तथा उनका आपस में संघर्ष आदि महत्वपूर्ण टॉपिक है। मध्यकालीन इतिहास से प्राय 2 से 4 प्रश्न पूछे जाते हैं।
मुगल साम्राज्य का पतन, भारत में कंपनी शासन का उदय, 1857 का संघर्ष तथा उसके प्रमुख नेता 1807 के बाद कंपनी का शासन, कांग्रेस पार्टी का गठन, सामाजिक आंदोलन एवं उनसे जुड़े मुख्य नेता आदि टॉपिक्स मध्यकालीन इतिहास के लिए महत्वपूर्ण है।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में छात्रों को घटनाओं का कालक्रम अवश्य पढ़ना चाहिए जिससे उनका साधारण ज्ञान हो सके। इसके अतिरिक्त असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन ,साइमन कमीशन आदि के बारे में विस्तृत रूप से पढ़ना चाहिए। प्रमुख नेता जैसे महात्मा गांधी तथा जवाहरलाल नेहरू से जुड़ा हर तथ्य और घटना महत्वपूर्ण है तथा कांग्रेस के अधिवेशन एवं उनकी अध्यक्षता भी संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए बहुत जरूरी है।
आप कोशिश करें कि इतिहास को कहानी की तरह पढ़े और याद करें इससे इस टॉपिक को कवर करना आपके लिए अत्यंत आसान हो जाएगा।
भूगोल
भूगोल खंड से प्राय: 15 तक प्रश्न पूछे जाते है तथा इसमें भारत का आर्थिक, भौतिक, सामाजिक, आर्थिक तथा भारतीय एवं विश्व भूगोल शामिल है। क्योंकि यह विषय थोड़ा वैज्ञानिक है तो कुछ छात्रों को इसे समझने में कठिनाई होती है। फिर भी यह बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है क्योंकि भारतीय भूगोल से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं।
हिमालय तथा अन्य प्रमुख पर्वत, नदियां, मानसून, खनिज संपदा, जनसंख्या के आंकड़े, भारत में बसी अलग-अलग जनजातियां, भौतिक भूगोल के आधारभूत तथ्य, प्रशांत महासागर, बंदरगाह, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल एरिया, प्रोड्यूसर, एक्सपोर्टर्स आदि टॉपिक भूगोल विषय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारतीय राजव्यवस्था
भारतीय राजव्यवस्था के अंतर्गत छात्रों को संविधान, राजनीतिक तंत्र, पंचायती राज, पब्लिक पॉलिसी तथा अधिकार से जुड़े मुद्दे आदि के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। इस खंड से लगभग 10 से 15 क्वेश्चन प्रिलिम्स एग्जाम में पूछे जाते हैं। एक सिविल सर्विस अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि उसे संविधान कैसे कार्य करता है, देश कैसे चलता है, कानून कैसे बनते हैं, केंद्र और राज्य सरकार के बीच क्या संबंध है, सरकार कैसे काम करती है आदि इनके बारे में पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त पंचायती राज टॉपिक पाठ्यक्रम में अलग से उल्लेखित है, इसलिए छात्रों को पंचायती राज से जुड़ी सभी समितियों तथा संसाधनोंके बारे में अच्छी तरह से तैयारी करनी चाहिए तथा इनसे जुड़े संवैधानिक अनुच्छेद के बारे में पूर्ण जानकारी अपरिहार्य है।
सरकार ने जनता के कल्याण के लिए क्या क्या पॉलिसी बनाई है तथा उनके क्रियान्वयन के लिए क्या-क्या प्रोग्राम सरकार ने लागू किए है। भारत के नागरिकों को मिलने वाले अधिकार तथा उनसे जुड़े मुद्दे जैसे राइट टू प्राइवेसी, आधार, फंडामेंटल राइट्स, सुप्रीम कोर्ट डिसीजंस आदि भी अत्यंत महत्वपूर्ण प्रकरण है।
अर्थव्यवस्था
अर्थव्यवस्था के अंतर्गत भारत का आर्थिक विकास कैसे हुआ और उसका सामाजिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ा आता है। सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा के लिए यह टॉपिक बहुत ही महत्वपूर्ण है कई बार इसकी परिभाषा प्रश्नपत्र में पूछे गई हैं तथा निरंतर विकास की आधारभूत अवधारणा बहुत ही आवश्यक है। भारत के साथ-साथ विश्व में निरंतर विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं को ध्यान से पढ़ना चाहिए जैसे गरीबी की भारत तथा विश्व में क्या परिभाषा है, क्या परिकल्पना है तथा इससे जुड़ी परिभाषा आदि क्या है।
इंक्लूजन से तात्पर्य इकोनामिक और सोशल इंक्लूजन दोनों से है। यह एक नई अवधारणा है। सरकार फाइनैंशल तथा सोशल इंक्लूजन के लिए जो स्कीम्स चला रही है तथा उनसे जुड़े बहुत से आंकड़े जैसे रोजगार दर, कार्य क्षेत्र में महिलाओं का की हिस्सेदारी, माइग्रेशन डाटा, शिशु लिंगानुपात आदि महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त छात्रों को केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई गई विभिन्न योजनाएं, सोशल सेक्टर initiative में करंट अफेयर्स से जोड़कर पढ़नी चाहिए। यूथ डेस्टिनेशन करंट अफेयर्स मंथली मैगजीन, न्यूज़पेपर आदि इसके लिए उपयुक्त माध्यम है इस सेक्शन से आप 15 से 18 प्रश्नों की अपेक्षा कर सकते हैं।
एनवायरमेंटल एंड इकोलॉजी
वर्तमान ट्रेंड के अनुसार आईएएस की प्रारंभिक परीक्षा में इस सेक्शन से काफी प्रश्न पूछे गए हैं परंतु इस विषय के लिए कोई भी मानक पुस्तक उपलब्ध नहीं है इसलिए इसे तैयार करना थोड़ा कठिन लगता है। इस सेक्शन में छात्रों को इकोलॉजी, एनवायरमेंटल, साइंस, बायो डायवर्सिटी, क्लाइमेट चेंज, कॉन्सेप्ट्स इन बायोडायवर्सिटी, प्रिंसिपल ऑफ एनवायरमेंट एंड इकोलॉजी, बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट, ग्लोबल वार्मिंग, आई पी एस सी (IPSC) की रिपोर्ट्स यूएनएफसीसीसी ( UNFCCC) की रिपोर्ट, नीति आयोग की रिपोर्ट पढ़ना अनिवार्य है क्योंकि इस सेक्शन से लगभग 10 तक क्वेश्चन आते हैं इसलिए आप इससे अनदेखा नहीं कर सकते।
जनरल साइंस
यद्यपि जनरल साइंस के पाठ्यक्रम में टेक्नोलॉजी शब्द नहीं लिखा है तथापि आयोग टेक्नोलॉजी से जुड़े काफी प्रश्न इस सेक्शन से पूछता है। इसके लिए छात्रों को फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी की क्लास 10th की एनसीईआरटी बुक से तैयारी करनी चाहिए। इस सेक्शन से लगभग 8 से 10 क्वेश्चन पूछे जाते हैं। जनरल साइंस के क्षेत्र में टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट, इंवेंशंस, इन्नोवेशंस के बारे में ध्यान से पढ़ें तथा ये किस आधारभूत सिद्धांत पर कार्य करते हैं यह जानना अत्यंत आवश्यक है। न्यूक्लियर एनर्जी, रिन्यूएबल एनर्जी तथा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए टॉपिक्स जैसे विभिन्न मिसाइल, उनकी तकनीक तथा मारक क्षमता के बारे में भी परीक्षा में प्रश्न आते हैं।
सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT)
सिविल सर्विस परीक्षा के जनरल स्टडीज पेपर 2 को सामान्यत : CSAT के नाम से जाना जाता है। यह एक क्वालीफाइंग परीक्षा है अर्थात इस परीक्षा के नंबर प्रारंभिक परीक्षा की मेरिट लिस्ट में नहीं जुड़ते परंतु छात्रों को इसे पास करना अनिवार्य है। 200 नंबर के इस पेपर में आपको 33% नंबर लाने होंगे।
CSAT प्रारंभिक परीक्षा की रणनीति पढ़ें »
लॉजिकल रीजनिंग एंड एनालिटिकल एबिलिटी
यह खंड संघ लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थियों की तार्किक सोच का परीक्षण करता है क्योंकि तार्किक दिमाग ही डाटा का सही इंटरप्रिटेशन कर सकता है।
कंप्रीहेंशन
CSAT एग्जाम में सबसे ज्यादा प्रसन्न इसी खंड से पूछे जाते हैं । आयोग यह देखता है कि कैसे एक छात्र कंप्रीहेंशन पढ़कर उसमें दिए गए तथ्यों को समझता है क्योंकि आईएस बनने के बाद अभ्यर्थी को कई सारी फाइल्स और पॉलिसी डाक्यूमेंट्स पढ़कर अपना निर्णय लेना होता है तो कंप्रीहेंशन से उसकी एकाग्रता की जांच की जाती है। नियमित अभ्यास ही आपको इस सेक्शन में अच्छे अंक दिला सकता है।
इंटरपर्सनल एंड कम्युनिकेशन स्किल्स
कम्युनिकेशन स्किल से तात्पर्य है कि किस तरह एक आईएएस उम्मीदवार कम से कम शब्दों में अपना संदेश दूसरे व्यक्ति तक प्रसारित कर सकता है। इसके लिए आपको अलग-अलग स्रोत से अलग-अलग टेक्स्ट पढ़ना चाहिए। एनसीईआरटी बुक्स इस खंड के लिए अत्यंत सहायक है।
डिसीजन मेकिंग एंड प्रोबलम सॉल्विंग एबिलिटी
किसी भी समस्या का सही तरीके से आकलन करना और उसका निष्पक्ष एवं तार्किक तरीके से निवारण करना एक आईएएस ऑफिसर की योग्यता को दर्शाता है। इसलिए एक आईएएस ऑफिसर को डिसीजन मेकिंग में अत्यंत कुशल होना चाहिए किसी भी समस्या का हल करने के लिए उसका सबसे उपयुक्त हल क्या हो सकता है। यह एक आईएएस अभ्यर्थी को पता होना चाहिए।
जनरल मेंटल एबिलिटी
एक छात्र कैसे कोई चीज सीखता है, किसी निर्देश को कैसे समझता है, समस्याओं को कैसे हल करता है यह सब परीक्षण सामान्य मानसिक क्षमता सेक्शन के अंतर्गत किया जाता है। इस सेक्शन में ऐसे प्रश्न सम्मिलित होते हैं जो छात्रों की आंतरिक, मौखिक, यांत्रिक, संख्यात्मक, सामाजिक और स्थानिक क्षमता को मापते हैं।
डाटा इंटरप्रिटेशन एंड डाटा सफिशिएंसी
इस खंड से प्रतिवर्ष प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं क्योंकि सही नीतियों के निर्माण के लिए डाटा इंटरप्रिटेशन का ज्ञान होना जरूरी है।
इस प्रकार आप समझ सकते हैं कि इस परीक्षा में सफल होने के लिए आप को न केवल सिलेबस की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए अपितु आपको हर एक सेक्शन को अत्यंत बारीकी से समझना भी जरूरी है। आप यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू करने के लिए एक अच्छे इंस्टिट्यूट का चयन कर सकते हैं जो न केवल आपका मार्गदर्शन करेगा बल्कि आपका सही रणनीति बनाने में भी मदद करेगा।