देश की सभी पंचायतों में प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स/PACS) स्थापित
हाल ही में देश की सभी पंचायतों में प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) स्थापित की जाएंगी।
हाल ही में, पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र सहकारी डेयरी सम्मेलन, 2022 का उद्घाटन किया गया है। इस सम्मेलन के दौरान केंद्रीय गृह एवं सहकारी मंत्री ने कहा कि देश की सभी पंचायतों में पैक्स की स्थापना की जाएगी।
वर्तमान में, देश में केवल 65,000 सक्रिय पैक्स हैं। पैक्स को सहकारी समितियों के रूप में पंजीकृत किया गया है। ये अपने सदस्यों को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करती हैं।
नकद या घटक वस्तु के रूप में इनपुट सुविधाएं:
- पैक्स देश में अल्पकालिक सहकारी ऋण (STCC) की त्रि-स्तरीय व्यवस्था में सबसे निचले स्तर पर अपनी भूमिका निभाती हैं। लगभग 13 करोड़ किसान इनके सदस्य के रूप में शामिल हैं। त्रि-स्तरीय व्यवस्था में अन्य दो स्तर हैं- राज्य स्तर पर ‘राज्य सहकारी बैंक और जिला स्तर पर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक’
- पैक्स, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के दायरे से बाहर हैं। इस कारण ये भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित नहीं हैं।
- देश में सभी संस्थाओं द्वारा दिए गए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) ऋणों में पैक्स का हिस्सा 41 प्रतिशत है। पैक्स के माध्यम से इन KCC ऋणों में से 95 प्रतिशत ऋण लघु व सीमांत किसानों को दिए गए हैं।
- हाल ही में, केंद्र सरकार ने पैक्स की दक्षता बढ़ाने तथा उनके संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के उद्देश्य से पैक्स के कम्प्यूटरीकरण को स्वीकृति प्रदान की है।
स्रोत – द हिन्दू