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प्रश्न – 5G तकनीक क्या है तथा इसकी विशेषताएँ बताते हुए यह भी बताएं कि भारत में इसे लागू करने के विषय में क्या-क्या प्रमुख चुनौतियां हैं? – 12 June 2021
उत्तर –
- 5G मोबाइल इंटरनेट की पांचवीं पीढ़ी है । यह डाटा ट्रांसफर करने का अब तक का सबसे कुशल तेज़ और सुरक्षित तरीका होगा।
- फिलहाल भारत में 4G मोबाइल कम्युनिकेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है । 4G ,45mbps की अधिकतम स्पीड देता है । वहीं 5G इस से 20 गुना तेज़ यानि लगभग 1Gbps की स्पीड देगा । तेज़ रफ़्तार डाटा ट्रांसफर और कम लेटेंसी होने के कारण 5G अपनी पिछली पीढ़ियों से काफी बेहतर होगा।
- 4G में नेटवर्क लेटेंसी (डाटा के समूह को सेन्डर से रिसीवर तक पहुंचने वाले समय को नेटवर्क लेटेंसी कहते हैं) 40 – 50 मिली सेकंड है,वहीं 5G में यह घटकर 1 मिली सेकंड तक हो जाएगी। लेटेंसी जितनी कम होगी डाटा ट्रांसफर की गति उतनी ही तेज़ होगी ।
- 5G तकनीक में मिली मीटर wave spectrum अहम् भूमिका निभा सकता है ।30 – 300 giga hertz frequencies को मिली मीटर वेव्स कहा जाता है । इन्हें मिली मीटर वेव्स इसलिए कहा जाता है,क्योंकि यह आकार में 1 -10 मिली मीटर की होती है । मौजूदा 4G तकनीक में 6 giga hertz से नीचे की वेव frequency का इस्तेमाल किया जाता है । 5G नेटवर्क 3400, 3500 ,अथवा 3600 mega hertz band width पर चल सकते हैं जिसमें से की 3500 mega hertz band की एयर waves 5G के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है।
- 5G तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ मोबाइल और लैपटॉप पर ब्राउज़िंग तक सीमित नहीं रहेगा| यह स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग से जुड़े क्षेत्रों में नए तकनीकी विकास करने में भी सक्षम होगी । तेज़ इंटरनेट स्पीड और कम लेटेंसी के होने के कारण यह सर्वर रहित ऍप्लिकेशन्स, रिमोट कण्ट्रोल सर्जरी, कनेक्टेड स्मार्ट सिटीज में भी उपयोगी सावित होगा। 5G से जुड़ने वाली devices की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी।
- इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) के ज़रिये लोगों की रोजमर्रा के काम आसान हो जाएंगे। तेज़ रफ़्तार डाटा ट्रांसफर के साथ ऑनलाइन प्लेटफार्म पर वीडियोस स्ट्रीम करना और आसान हो जाएगा जिससे ऑनलाइन लर्निंग जैसे प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा मिलेगा। स्मार्ट सिटीज के विकास में 5G अहम् भूमिका निभा सकता है। ऑटोमेटेड व्हीकल और ऑटोमेशन इंडस्ट्री में 5G काफी मददगार साबित होगा।
प्रमुख चुनौतियां-
- दक्षिण कोरिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस और जापान जैसे देश जल्द ही 5 जी सेवाओं को शुरू करने की उम्मीद कर रहे हैं। भारत भी 5G तकनीक को जल्द से जल्द आम जनता तक पहुंचना चाहता है । हालांकि इसके लिए भारत के समक्ष निम्न प्रमुख चुनौतियां हैं –
- 5G तकनीक के लिए जिस आधारभूत ढाँचे की ज़रुरत है, उसको बनाने में भारत को अभी समय लगेगा ।
- 5G का इस्तेमाल मौजूदा उपकरणों में नहीं किया जा सकेगा इसके लिए नए उपकरणों की आवश्यकता होगी।
- भारत के दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI)ने 5G सेवा के लिये ज़रूरी स्पेक्ट्रम की रिज़र्व कीमत अत्यधिक ऊँची रखी है, यह कीमत भारत में 5G सेवा की वृद्धि तथा इसके विस्तार में बाधक हो सकती हैं।
स्पेक्ट्रम के अलावा 5G संचार प्रणाली के मूल ढाँचे में परिवर्तन की आवश्यकता होगी।
- साथ ही मौजूदा LTE तकनीक को अपग्रेड करने से 5G उपयोग के सभी मामलों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता।
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में उद्योगों को 5G नेटवर्क लागू करने के लिए 60-70 बिलियन डॉलर के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता हो सकती है। जबकि वर्तमान में भारत के दूरसंचार उद्योग पर 7 लाख करोड़ रूपए का ऋण है।