प्रश्न – वर्साय की संधि ने द्वितीय विश्व युद्ध का मार्ग प्रसस्त कर दिया। आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। – 23 August 2021
उत्तर –
द्वितीय विश्वयुद्ध की संभावना 1919 ई॰ के शान्ति सम्मेलन के समय से ही हो गयी थी। जर्मनी के साथ विजयी राष्ट्रों ने वर्साय की अपमानजनक संधि की थी। इसी संधि में द्वितीय विश्वयुद्ध के कीटाणु विद्यमान थे। इस संधि द्वारा जर्मनी के साथ घोर अन्याय हुआ था। उसे बलपूर्वक धमकी देकर संधिपत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य किया गया था।
द्वितीय विश्व युद्धमेंवर्साय की संधि की भूमिका:
- जर्मनी से एल्सास-लोरेन के प्रांत तथा श्लेसविग का लघु राज्य छीन लिया गया, पोलैण्ड के लिए गलियारा निर्मित करके उसका अंग-भंग किया गया, उसे अपने सभी उपनिवेशों से हाथ धोना पड़ा, सार प्रदेश की खानों से वह पंद्रह वर्षों के लिए वंचित कर दिया गया और इस तरह से कई अन्य प्रादेशिक क्षति पहुँचायी गयी।
- जर्मनी को आर्थिक साधनों से वंचित कर उस पर क्षतिपूर्ति की एक भारी रकम लाद दी गयी और बड़ी बेरहमी के साथ इसे वसूलने का प्रयास किया गया।
- वर्साय संधि के द्वारा जर्मनी को पूर्णत: निरस्त कर दिया गया था। यद्दपि मित्रराष्ट्रों ने जर्मनी को आश्वासन दिया था कि वे भी अपने आयुधों के भण्डार में कमी करेंगे, परन्तु इस ओर उन्होंने कभी कोई कदम नहीं उठाया।
द्वितीय विश्व युद्ध में अन्य कारकों की भूमिका:
- 1929-30 की आर्थिक मंदी।
- हिटलर आक्रामक नीति।
- तुष्टीकरण की नीति।
- राष्ट्रसंघ की असफलता।
- फासीवादी विचारधारा की प्रगति।
निष्कर्ष:
यद्दपि द्वितीय विश्वयुद्ध का आधार निर्मित करने में वर्साय की संधि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, फिर भी द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए सम्पूर्ण उत्तरदायित्व केवल वर्साय की संधि को नहीं दिया जा सकता।