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प्रश्न – भारत में शहरी गरीबों द्वारा सामना की जा रही समस्याओं और उससे निपटने हेतु सरकार के कार्यक्रमों एवं पहलों के संदर्भ में चर्चा कीजिए। – 3 June 2021
उत्तर –
- 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की लगभग 11.16%जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करती है। इसमें शहरी गरीबों की एक बड़ी संख्या शामिल है। गरीबी पर गठित डॉ. सी. रंगराजन विशेषज्ञ समूह के अनुसार शहरी गरीबी रेखा से नीचे की जनसंख्या शहरी जनसंख्या का लगभग 26.4 प्रतिशत है।
शहरी गरीबों द्वारा सामना की जा रही समस्यायें:
- रोजगार के अवसरों तथा आय तक पहुँच सीमित।
- शहरों की लगभग 17%जनसंख्या मलिन बस्तियों में निवास करती हैं।
- शहरी गरीबों के लिये स्वच्छता से संबंधित मूलभूत सुविधाएं और सेवायें उपलब्ध नहीं है। उदाहरण स्वरूप शहरी क्षेत्रों के कुल परिवारों में लगभग 13%के पासशौचालय उपलब्ध नहीं है।
- शहरी गरीबों के बच्चों की लगभग आधी जनसंख्या कुपोषित, जबकि 30%शहरी परिवारों के पास पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं।
- स्वास्थ्य और शिक्षा के पर्याप्त अवसरों तक सीमित पहुँच।
- शहरों में गरीबों के विरूद्ध वर्गीय भेदभाव में वृद्धि हो रही है।
- शहरी गरीबों की राजनीतिक भागीदारी भी न्यून है।
शहरी गरीबी उन्मूलन के लिये सरकार द्वारा आरम्भ की गई कुछ पहलें:
(1) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी):
इसके अन्तर्गत 2022 तक सभी के लिये आवास की परिकल्पना की गई है।
(2) स्मार्ट सिटीज मिशन:
इसके अन्तर्गत 2019-20 तक 100 संधारणीय और नागरिक अनुकूल शहरों का निर्माण करना है।
(3) अटल नवीनीकरण और शहरी परिर्वतन मिशन (अमृत):
इसके अन्तर्गत शहरी सुविधाओं में वृद्धि की जायेगी।
(4) दीनदयाल अन्त्योदय योजना (राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन):
व्यक्तिगत और समूह उद्यमों तथा स्वयं सहयता समूह की स्थापना में सहायता करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करना।
(5) अन्य योजनाएं:
स्किल इण्डियाँ, मेक इन इण्डियाँ, स्वच्छ भारत अभियान आदि।
निष्कर्ष:
शहरी गरीबी के समाधान हेतु मुख्य रूप से बुनियादी सेवाओं, सुभेद्य वर्गों के लिये लक्षित सब्सिडी, कौशल विकास और लाभदायक रोजगार के विकास से संबंधित प्रावधानों को सम्मिलित किया जाना चाहिए।