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प्रश्न – भारत के इतिहास में बौद्ध धर्मं के योगदान की चर्चा कीजिये। – 5 April
उत्तर:
यद्दपि बौद्ध धर्म भारत से गायब हो गया, फिर भी इसने अपनी जन्म भूमि भारत की संस्कृति पर बहुत गहरा प्रभाव डाला।
भारत के इतिहास में बौद्ध धर्मं का योगदान:
- बौद्ध धर्म ने समाज को एक लोकप्रिय धर्म प्रदान किया, जिसे निरर्थक नियमों और विधि विधानों तथा पुरोहितों की आवश्यकता थी।
- बौद्ध धर्म के उपदेश तथा सिद्दांत पालि भाषा में लिखे गए, जिससे पाली भाषा और साहित्य का विकास हुआ।
- बौद्ध धर्म की व्यवस्था जनतंत्रतामक प्रणाली पर आधारित थी। इसके तत्वों को हिन्दी मठों तथा कालांतर में राजशासन में ग्रहण किया गया।
- बौद्ध धर्म ने आम जन के जीवन का नैतिक स्तर ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जन जीवन में सदाचार एवं सचरित्र की भावनाओं का विकास हुआ।
- बौद्ध धर्म के प्रभाव के कारण भारतीय दर्शन में तर्क शास्त्र की प्रगति हुई। बौद्ध धर्म के शून्यवाद तथा विज्ञान वाद का शंकराचार्य के दर्शन पर गहरा प्रभाव पड़ा, इसी कारण से शंकराचार्य को प्रछन्न बौद्ध भी कहा जाता हैं।
- बौद्ध धर्म ने देश को अहिंसा, शांति, बंधुत्व, सह अस्तित्व आदि का आदर्श बताया।
- बौद्ध धर्म ने भारतीय कला तथा स्थापत्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस धर्म से प्रेरणा पाकर शासकों एवं श्रद्धालु जनता द्वारा अनेक स्तूप, विहार, चैत्य गृह आदि निर्मित किए गए।
निष्कर्ष:
इस प्रकार बौद्ध धर्म ने भारत की संस्कृति पर बहुआयामी प्रभाव डाला। इसने भारत के धर्म, कला, मूर्तिकला, भाषा और साहित्य को समृद्ध किया। साथ ही वर्ण-विभाजित समाज में शांति एवं समता स्थापित करने का विकल्प प्रदान किया।
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