प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के 8 साल हुए पूर्ण
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 2015 में प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत की थी।
इस योजना के तहत आय सृजन गतिविधियों के लिए गैर – कॉर्पोरेट और गैर-कृषि क्षेत्र के लघु एवं सूक्ष्म उद्यमियों को ऋण प्रदान किया जाता है। इसमें 10 लाख रुपये तक का आसान जमानत – मुक्त ( कोलेटरल फ्री) सूक्ष्म ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
MUDRA (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड) बैंक, एक पुनर्वित संस्थान है।
इस योजना के तहत बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs), सूक्ष्म वित्त संस्थान (MFIs) जैसे सदस्य ऋणदाता संस्थान और अन्य वित्तीय मध्यवर्ती ऋण प्रदान करते हैं।
ऋण आवेदकों को कोई जमानत / सिक्योरिटी जमा करने की आवश्यकता नहीं होती है। ब्याज दर भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऋण देने वाली संस्थाएं निर्धारित करती हैं।
प्रदान किए जाने वाले ऋण को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है ।
PMMY की उपलब्धियां (मार्च 2023 तक):
- 82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
- योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के हैं ।
- योजना के तहत 51 प्रतिशत खाते अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उद्यमियों के हैं ।
PMMY का महत्त्वः
- अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों को औपचारिक ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है,
- रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिल रही है,
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को ब्याज दरों पर विशेष रियायतें देकर उनमें उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा रहा है आदि ।
PMMY से जुड़ी प्रमुख चिंताएं:
- वितरित ऋण से रोजगार के कितने अवसर पैदा हुए हैं, इस पर रिकॉर्ड का अभाव है,
- विशेष रूप से किशोर और तरुण श्रेणियों में अशोध्य ऋण (Bad Loan) में वृद्धि हुई है, आदि ।
मुद्रा (MUDRA) ऋण
- शिशु: 50,000 रुपये तक का ऋण (स्टार्ट-अप्स और शुरुआती उद्यमियों के लिए)
- किशोर: 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक का ऋण । (पहले से व्यवसाय करने वाले उद्यमियों के लिए)
- तरुण: 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का ऋण । (व्यवसायियों के लिए, ऋण का उपयोग व्यवसाय के विस्तार में करना होता है)
स्रोत – पी.आई.बी.