प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना रिपोर्ट
हाल ही में कृषि संबंधी संसदीय समिति ने ‘प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना’ पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
समिति की इस रिपोर्ट में निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों को रेखांकित किया गया है:
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) से राज्यों की निकासी
- PMFBY के तहत दावों के निपटान में विलंब
- PMFBY को लागू करने की संस्थागत क्षमता
- विभिन्न हितधारकों के मध्य समन्वय का अभाव
- राज्य सरकारों और बीमाकंपनियों के मध्य उपज के निर्धारण से संबंधितविभिन्न प्रकार के विवाद
- योजना के संबंध में किसानों के मध्य अपर्याप्त जागरूकता आदि।
मुख्य अनुशंसाएं:
- राज्यों द्वारा योजना के त्याग के मामलों को रोकने हेतु संशोधित परिचालन दिशा-निर्देशों के अंतर्गत निम्नलिखित दो प्रावधानों में उपयुक्त बदलाव करना चाहिए।
- सब्सिडी जारी करने में निर्धारित समय सीमा से अधिक विलंब करने वाले राज्य आगामी फसली मौसम में भाग नहीं ले सकते।
- प्रीमियम सब्सिडी का अपेक्षित केंद्रीय हिस्सा (पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 90:10 और शेष राज्यों के लिए 50:50) सिंचित क्षेत्रों/फसलों के लिए सकल प्रीमियम दर के 25% तकऔर असिंचित क्षेत्रों/फसलों के लिए 30% तक प्रदान किया जाएगा।
- उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों/फसलों के लिए वैकल्पिक जोखिम उपायों के अन्वेषण पर अध्ययन में तीव्रता लानी चाहिए।
- बीमा कंपनियों (ICs) द्वारा प्रत्येक जिले में तहसील स्तर पर कार्यशील शाखाएं स्थापित करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
- बीमा कंपनियों का समय-समय पर प्रदर्शन मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
- यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऋणी किसानों के खाते से कोई अनिवार्य कटौती न हो।
- बीमा कंपनियों के लिए दावों के समय पर निपटान हेतु एक निश्चित समय-सीमा तय करनी चाहिए अथवा ऐसा नहीं करने पर दंड हेतु प्रावधान करना चाहिए।
- सभी राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों द्वारा विभिन्न स्तरों पर शिकायत निवारण समितियों का गठन किया जाना चाहिए।
‘प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना’ (PMFBY) के बारे में
- PMFBY को अप्रैल, 2016 में एक सरल और किफायती फसल बीमा उत्पाद प्रदान करने हेतु आरंभ किया गया था। इसके अंतर्गत किसानों हेतु फसलों के लिए बुवाई-पूर्व चरण से लेकर कटाई उपरांत तक सभी गैर-निवार्य प्राकृतिक जोखिमों के विरुद्ध व्यापक जोखिम कवर सुनिश्चित किया गया है। साथ ही, किसानों हेतु पर्याप्त दावा राशि निर्धारित की गई है।
- किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम की दर सभी खरीफफसलों के लिए 2% तथा सभी रबी फसलों के लिए 5% निर्धारित की गई है। वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में वार्षिक प्रीमियम 5% है।
- योजना के अधिक कुशल और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2020 के खरीफ के मौसम में PMFBY को नया स्वरूप प्रदान किया गया था। इस नई संशोधित योजना अंतर्गत किसानों के लिए 100% स्वैच्छिक नामांकन जैसे प्रावधान किए गए हैं। साथ ही, राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों को योजना के कार्यान्वयन में लचीलापन प्रदान किया गया ।
स्रोत – पी आई बी