प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY) की लक्ष्य प्राप्ति हेतु वित्त महत्वपूर्ण
हाल ही में, इन्वेस्टमेंट इंफॉर्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ऑफ इंडिया लिमिटेड (ICRA) के अध्ययन के अनुसार वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास के उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु सरकारी वित्त पोषण महत्वपूर्ण है ।
पृष्ठभूमि
- विदित हो कि वर्ष 2015 में प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY) आरंभ की गई थी जिसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास प्रदान करना है।
- PMAY के तहत शहरी भारत में 20 मिलियन परिवारों और ग्रामीण भारत में 30 मिलियन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने की योजना है।
- ज्ञातव्य को कि, प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY)-ग्रामीण, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एवं प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY)- शहरी, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अधीन है।
- इसके पश्चात, सरकार ने लक्ष्य में कुछ कमी करते हुए वर्ष 2022 तक PMAY-ग्रामीण के तहत 21.4 मिलियन और PMAY-शहरी के तहत11.2 मिलियन इकाइयों का लक्ष्य निर्धारित किया था।
- अप्रैल 2021 तक, PMAY-ग्रामीण के माध्यम से 19.55 मिलियन आवासों को मंजूरी दी गई है और 14.16 मिलियन आवासों को पूर्ण किया जा चुका है। इसके विपरीत PMAY- शहरी के तहत 11.2 मिलियन आवास इकाइयों में से अब तक केवल 43 प्रतिशत का ही निर्माण किया गया है।
कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दे
- वित्तपोषण अंतरालः अगले 18 महीनों में 1.24 लाख करोड़ रुपये के व्यापकवित्तपोषण अंतराल को समाप्त करना है।
- वित्त वर्ष 2021-22 में कोविङ-19 महामारी इस योजना के निष्पादन को और अधिक प्रभावित कर सकती है।
- अन्य मुद्दे: भूमि की कमी; भूमि अधिग्रहण और बुनियादी ढांचे का अभाव; विलंबित परियोजना अनुमोदन; कच्चे माल एवं श्रम की बढ़ती लागत; अनुरक्षित संपत्ति रिकॉर्ड आदि।
स्रोत – द हिन्दू