प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पी.एम.पोषण/PMPOSHAN) योजना
हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पी.एम.पोषण/PMPOSHAN) योजना हेतु एक राष्ट्रीय योजना को स्वीकृति प्रदान की।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पी.एम.पोषण) एक केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है। इसका उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों में कुपोषण को समाप्त करना है। यह योजना शिक्षा व सीखने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सरकारी स्कूलों में नामांकन दर में भी वृद्धि करेगी।
अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि भारत में कुपोषण के कारण मानव उत्पादकता 8 प्रतिशत तक कम हो गई है। साथ ही, इस संदर्भ में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की 4 प्रतिशत तक की हानि हुई है।
इससे पूर्व इस योजना का नाम ‘विद्यालयों में मध्याह भोजन के लिए राष्ट्रीय योजना’ (मध्याह्न भोजन योजना या मिड डे मील) था।
योजना की मुख्य विशेषताएं
- यह योजना पांच वर्ष की अवधि (वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक) के लिए स्वीकृत की गई है।
- इसके तहत सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक में पढ़ने वाले सभी बच्चों को पका हुआ गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
- इस योजना को सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों के पूर्व-प्राथमिक या बाल वाटिकाओं में पढ़ने वाले छात्रों के लिए भी विस्तारित किया जाएगा (राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की अनुशंसा के अनुसार)।
- इसके अनुसार बच्चों को प्रकृति और बागवानी के साथ प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करने हेतु स्कूलों में पोषण उद्यानों के विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- आकांक्षी जिलों और उच्च रक्ताल्पता के मामले वाले जिलों में बच्चों को पूरक पोषाहार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रावधान किया गया है।
- इस योजना का सामाजिक लेखापरीक्षण (Social Audit) सभी जिलों में अनिवार्य कर दिया गया है।
- मध्याह्न भोजन योजना के कार्यान्वयन में किसान उत्पादक संगठनों तथा महिला स्वयं-सहायता समूहों की भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
स्रोत – पी आई बी