‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना- 3.0’के अंतर्गत भारत के युवाओं को रोज़गारपरक कौशल में दक्ष बनाने के लिये 300 से अधिक कौशल पाठ्यक्रम उपलब्धता की शुरुआत की गई है।
मुख्य बिंदु:
- वर्ष 2015 में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा कौशल भारत मिशन शुरू किया गया था, जिसके तहत प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) चलाई गई है।
- इसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक भारत में 40 करोड़ से अधिक लोगों को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित करना है एवं समाज में बेहतर आजीविका और सम्मान के लिये भारतीय युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण व प्रमाणन प्रदान करना है।
पीएमकेवीवाई- 1.0:
- भारत की सबसे बड़ी कौशल प्रमाणन योजना ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ 15 जुलाई, 2015 (विश्व युवा कौशल दिवस) को शुरू की गई थी।
- इसका उद्देश्य युवाओं को मुफ्त लघु अवधि का कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना एवं मौद्रिक पुरस्कार के माध्यम से कौशल विकास को प्रोत्साहित करना।
- इसमें लघु अवधि का प्रशिक्षण, विशेष परियोजनाएँ, पूर्व शिक्षण को मान्यता, कौशल और रोज़गार मेला आदि शामिल है।
- इसके तहत वर्ष 2015-16 में 85 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया था।
पीएमकेवीवाई-2.0:
पीएमकेवीवाई- 2.0 को भारत सरकार के अन्य मिशनों जैसे- मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत आदि के साथ संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था।
पीएमकेवीवाई- 3.0:
इसे 717 ज़िलों, 28 राज्यों/आठ केंद्रशासित प्रदेशों में लॉन्च किया गया, पीएमकेवीवाई- 3.0 ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
विशेषताएँ:
- यह योजना 90 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ वर्ष 2020-2021 की योजना अवधि में आठ लाख उम्मीदवारों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने की परिकल्पना करती है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 भी समग्र विकास और रोज़गार में वृद्धि के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करती है।
- यह उन राज्यों जो कि बेहतर प्रदर्शन करते हैं, को वित्तीय आवंटन में प्राथमिकता देकर राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को प्रोत्साहित करेगी ।
स्रोत-पीआईबी