प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना
प्रधानमंत्री ने किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के तहत प्रत्येक वर्ष 17 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन करने वाला पहला कृषि आधारित सौर ऊर्जा संयंत्र जयपुर (राजस्थान) ज़िले की कोटपुतली तहसील में स्थापित किया गया है।
पीएम-कुसुम क्या है?
- पीएम-कुसुम योजना को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए खेतों में सौर पम्प चलाने और बंजर भूमि का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
- किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (KUSUM) योजना की घोषणा 2018-2019 के बजट में की गई थी।
- फरवरी,2019 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने वित्तीय सहायता और जल संरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू करने की मंज़ूरी प्रदान की।
- बजट 2020-21 के अंतर्गत सरकार योजना का विस्तार करते हुए 20 लाख किसानों को एकल सौर पंप स्थापित करने हेतु सहायता प्रदान करेगी।
- इसके आलावा अन्य 15 लाख किसानों को उनके ग्रिड से जुड़े पंप सेटों के सौरीकरण में मदद करेगी।
पीएम कुसुम योजना के घटक:
पीएम- कुसुम योजना के मुख्यतः तीन घटक हैं, जिनके तहत सरकार ने वर्ष 2022 तक 30.8 गीगावाट की अतिरिक्त सौर क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
- प्रथम घटक – भूमि पर स्थापित 10,000 मेगावाट के विकेंद्रीकृत ग्रिडों को नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों से जोड़ना।
- दूसरा घटक – 20 लाख सौर ऊर्जा चालित कृषि पंपों की स्थापना।
- तीसरा घटक – ग्रिड से जुड़े 15 लाख सौर ऊर्जा चालित कृषि पंपों का सौरीकरण (Solariation)।
कुसुम योजना के लाभ
- यह कृषि क्षेत्र में सब्सिडी का बोझ कम कर DISCOMs की वित्तीय स्थिति में सुधार करने में सहायता करेगी।
- विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन।
- ऑफ-ग्रिड और ग्रिड कनेक्टेड, दोनों प्रकार के सौर जल पम्पों द्वारा सुनिश्चित जल स्रोतों के प्रावधान के माध्यम से किसानों को जल-सुरक्षा।
स्रोत: द हिंदू
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