प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना
गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (गेल) ने हाल ही में बिहार के डोभी से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर तक 348 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाने का कार्य पूरा कर लिया है। इस कार्य में 2,433 करोड़ रुपये का खर्चा आया है। ज्ञात हो कि बिहार के डोभी से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर तक 348 किलोमीटर की पाइपलाइन, प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का एक भाग है।
लाभ:
इस पाइपलाइन से राज्य को रसोई के लिये ऐसी गैस की सुविधा मिलेगी, जो एलपीजी और सीएनजी की तुलना में सस्ती और पेट्रोल और डीजल की तुलना में कम लागत वाली है।
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना क्या है?
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना की शुरुआत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी, उत्तर प्रदेश में की गयी थी।
उद्देश्य:
- प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का उद्देश्य पहले वाराणसी और तत्पश्चात बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों के करोड़ों निवासियों को पाइप से रसोई गैस उपलब्ध कराना है।
- गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (GAIL) के अनुसार इस परियोजना के अंतर्गत तत्काल 20 लाख घरों को PNG कनेक्शन दिए जाएँगे।
- ज्ञातव्य है कि GAIL ने अब तक देश में 11,000 किलोमीटर लम्बे ट्रंक पाइपलाइन का नेटवर्क बना चुका है। ऊर्जा गंगा योजना के कार्यान्वयन से यह संख्या लम्बाई बढ़कर 13,540 हो जायेगी।
पाइपलाइन का लंबाई-वार वितरण:
- परियोजना के तहत, पाइपलाइन की लंबाई, उत्तर प्रदेश में 338 किमी तथा बिहार में लगभग 441 किलोमीटर होगी।
- झारखंड में 500 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाई जायेगी।
- पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा में पाइपलाइन की लंबाई क्रमशः 542 किमी तथा 718 किलोमीटर होगी।
स्रोत – पीआईबी